उपचुनाव में 75 हज़ार अतिथि शिक्षक करेंगे बीजेपी के खिलाफ प्रचार
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी चल रही हैं और बुधवार को शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल होने की संभावना है। वहीँ दूसरी तरफ राज्य के 75 हज़ार अतिथि शिक्षा ने बीजेपी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए उपचुनाव में 24 विधानसभा सीटों पर सबक सिखाने का एलान किया है।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि बीजेपी में शामिल होने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उन्हें आश्वासन दिया था कि वे अतिथि शिक्षकों को जल्द नियमित कराने का काम शुरू करेंगे लेकिन बीजेपी में शामिल होने और राज्य सभा का सदस्य बनने के बाद सिंधिया ने भी अतिथि शिक्षकों के बारे में ख़ामोशी साध ली है।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि उन्हें नियमित किये जाने की मांग काफी समय से की जा रही है लेकिन इस पर कोई सरकार ध्यान नहीं दे रही। शिक्षकों ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जब अतिथि शिक्षकों को नियमित किये जाने की संभावनाएं बनीं तब तक राज्य में बीजेपी की सरकार बन गई और नई सरकार ने अतिथि शिक्षकों के मुद्दे को ठन्डे बस्ते में रख दिया है।
शिक्षकों ने कहा कि यदि सरकार ने हमारे बारे में शीघ्र कोई कदम नहीं उठाया तो प्रदेश के 75 हज़ार से अधिक अतिथि शिक्षक उपचुनाव की सभी 24 सीटों पर बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेंगे। इतना ही नहीं शिक्षकों ने कहा कि वे उपचुनाव वाली सीटों पर जनता को बताएँगे कि किस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनके साथ वादाखिलाफी की है।
शिक्षकों ने कहा कि जब राज्य में कांग्रेस की सरकार के समय अतिथि शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ धरना शुरू किया था तो कई बीजेपी नेता धरने में शामिल हुए थे और कहा था कि यदि राज्य में बीजेपी की सरकार होती तो शिक्षकों की समस्या का तुरंत निदान करती। शिक्षकों ने कहा कि अब राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीजेपी का कोई नेता शिक्षकों की बात पूछने तक नहीं आया है। इसलिए हम बीजेपी को उपचुनाव में मज़ा चखाएंगे।
गौरतलब है कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तब उन्होंने इस वर्ष 13 फरवरी को अतिथि विद्वानों को लेकर कहा था कि ‘कांग्रेस का वचनपत्र हमारे लिए किसी ग्रंथ से कम नही, एक-एक वचन पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यदि कहीं कोई समस्या आयी तो आपकी लड़ाई मैं लडूंगा, आपकी ढाल भी और आपकी तलवार भी मैं बनूँगा।’
कांग्रेस का वचनपत्र हमारे लिए किसी ग्रंथ से कम नही, एक-एक वचन पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यदि कहीं कोई समस्या आयी तो आपकी लड़ाई मैं लडूंगा, आपकी ढाल भी और आपकी तलवार भी मैं बनूँगा। pic.twitter.com/MXwnDmzncd
— Jyotiraditya M. Scindia (मोदी का परिवार) (@JM_Scindia) February 13, 2020
हालांकि इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और 22 सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे के कारण राज्य में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का पतन हो गया था।