किसान आंदोलन के समर्थन में गाज़ीपुर पहुंची महात्मा गांधी की पोती

किसान आंदोलन के समर्थन में गाज़ीपुर पहुंची महात्मा गांधी की पोती

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंची।

84 वर्षीय तारा गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान संयम से काम लें और शांति बनाये रखें। वहीँ उन्होंने सरकार से भी अपील की कि वह किसानो के होतो को ध्यान में रखकर किसानो की सुध ले।

तारा गांधी भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हम यहां किसी राजनीतिक कार्यक्रम के तहत नहीं आए हैं, हम आज यहां किसानों के लिए आए हैं जिन्होंने हम सभी को हमारे पूरे जीवन में अन्न दिया है।”

उन्होंने सरकार से किसानो की मांगो पर जल्द सुनवाई की अपील करते हुए कहा कि ‘‘हम आप(किसानो) सभी के चलते ही (जीवित) हैं। किसानों की भलाई में ही देश की ओर हम सब की भलाई है।”

उन्होंने किसानो की मांगो का समर्थन करते हुए कहा कि वे केंद्र के नये कृषि कानूनों को रद्द करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं। भट्टाचार्य ने अंग्रेजो के शासन से मुक्ति के लिए 1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रा संग्राम को याद करते हुए कहा कि वह भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ से ही शुरू हुआ था।

बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक महात्मा गांधी की पोती ने कहा कि वह प्रदर्शन स्थल पर किसानों के लिए प्रार्थना करने आई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि जो कुछ हो, उसका फायदा किसानों को मिलना चाहिए। किसानों की कड़ी मेहनत से कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं है।

तारा गांधी भट्टाचार्य के साथ गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही, ऑल इंडिया सर्व सेवा संघ के प्रबंध न्यासी अशोक सरन, गांधी स्मारक निधि के निदेशक संजय सिंह और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए अन्नामलाई भी मौजूद थे।

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TeamDigital