इस राज्य के राज्यपाल ने किसानो की मांगो को बताया जायज, केंद्र सरकार से अलग बयान दिया
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ 110 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानो की आवाज़ भले ही सरकार न सुन रही हो लेकिन मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसानो के समर्थन में आगे आये हैं।
आंदोलनकारी किसानो की मांगो पर केंद्र सरकार की बेरुखी से अलग राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से किसानों को नाराज नहीं करने की अपील की है।
रविवार को उत्तर प्रदेश के अपने गृह जनपद में एक कार्यक्रम में शामिल हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे दे तो किसान मान जाएंगे। इतना ही नहीं सत्यपाल मलिक ने कहा, ”कोई भी कानून किसान के पक्ष में नहीं है। जिधर भी जाते हैं वहां लाठीचार्ज हो जाता है। जिस देश का किसान और जवान जस्टिफाइड नहीं होगा उस देश को कोई बचा ही नहीं सकता।”
मलिक ने कहा, ”सरदार कौम पीछे नहीं हटती और 300 साल बाद भी बात नहीं भूलती। इंदिरा गांधी ने भी ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया था।” मलिक ने यह भी कहा कि उन्होंने जब किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट सुनी तो फोन करके इसे रुकवाया।
राज्यपाल ने कहा कि देश में किसान का बुरा हाल है। किसान प्रतिदिन गरीब हो रहा है जबकि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन हर तीसरे साल बढ़ जाता है।
उन्होंने किसानो की मांगो का समर्थन करते हुए कहा कि किसान जो बोता है वो सस्ता और जो खरीदता है वो महंगा हो जाता है। इन्हें तो पता भी नही है कि ये बिना जाने ही गरीब कैसे हो रहे हैं। मलिक ने कहा, ‘‘मैं किसान परिवार से हूं, इसलिए उनकी तकलीफ समझता हूं। किसानों की समस्या हल कराने के लिए जहां तक जाना पड़ेगा जाऊंगा।’’
गौरतलब है कि इससे पहले किसानो को कृषि कानून समझाने गए को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सुरेश राणा का किसानो ने ज़बरदस्त विरोध किया है। पिछले दिनों खाप चौधरियों से मिलने पहुंचे संजीव बालियान के समर्थको और किसानो के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। वहीँ अभी शुक्रवार को शामली पहुंचे उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सुरेश राणा के खिलाफ किसानो ने मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।