कांग्रेस ने कहा ‘सरकार कृषि कानूनों को वापस लेकर संसद में चर्चा कराये’

कांग्रेस ने कहा ‘सरकार कृषि कानूनों को वापस लेकर संसद में चर्चा कराये’

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ जहां एक तरफ आज किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है वहीँ कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार को नसीहत की है कि वह इन कानूनों को वापस लेकर संसद में चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाये।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और संसद का सत्र बुलाकर चर्चा करे ले कि क्या सुधार लाना चाहते हैं? अगर वो किसानों के हित में होंगे तो वो उनका स्वागत करेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सुधारों की बात कर रही है और हम मानते हैं कि सुधार होने चाहिए। लेकिन जो कानून भाजपा लेकर आई है, उनमें सुधार की कोई झलक ही नहीं है।

हुड्डा ने कहा कि अगर ये इन कानूनों के साथ सुधार लाना चाहते हैं तो चौथा कानून लाकर MSP को अनिवार्य बनाए और MSP नहीं देने की स्थिति में उसे दंडनीय बनाया जाए। इसके अलावा इन्होंने उत्पाद जमा करने की कोई लिमिट नहीं रखी। इसमें आलू-प्याज जैसे उत्पाद हैं, जो गरीब आदमी को प्रभावित करते हैं। ऐसे में किसान की फसल तो सस्ती बिकेगी और कॉरपोरेट्स जमाखोरी करके कीमतें बढ़ाते रहेंगे

वहीँ कांग्रेस घोषणा पत्र में कृषि कानूनों में सुधार किए जाने का हवाला देते हुए हुड्डा ने कहा कि हमारे घोषणा पत्र में “फार्मर मार्किट” के जरिए APMC को किसानों के नजदीक ले जाना था। इससे उन पर परिवहन का भार कम हो जाता। कुल मिलाकर हमने APMC के विस्तार की बात की थी।

गौरतलब है कि कल भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कृषि कानूनों पर किसानो के विरोध के लिए विपक्ष पर हमला बोला था।

उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में किसानो के आंदोलन को विपक्ष के समर्थन को लेकर कांग्रेस और एनसीपी सहित सभी विपक्षी दलों की आलोचना की थी। इतना ही नहीं रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र और 2010 में तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा राज्यों को लिखी गई चिट्ठी का भी हवाला दिया था।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital