एनडीए में टूट जारी, अकाली दल के बाद अब एक और दल ने छोड़ा एनडीए

एनडीए में टूट जारी, अकाली दल के बाद अब एक और दल ने छोड़ा एनडीए

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की कोशिशों को धक्का लगा है। राज्य में एनडीए में शामिल गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने एनडीए छोड़ने का एलान किया है।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का आरोप है कि केंद्र सरकार ने गोरखा लैंड को लेकर किये गए अपने वादे को नहीं निभाया। पार्टी ने आरोप लगाया कि गोरखा लैंड से जुड़े मामलो को लेकर हम लगातार केंद्र सरकार से कोशिश करते रहे लेकिन सरकार की तरफ से सकारात्मक रुख देखने को नहीं मिला।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने कहा, “केंद्र ने गोरखालैंड को लेकर अपने वादे नहीं पूरे किए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सभी वादे पूरे किए हैं इसलिए हम एनडीए से अलग हो रहे हैं।”

गुरुंग ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर बीजेपी को जवाब देगी। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने बीजेपी को 12 सालों तक समर्थन दिया लेकिन हमारी मांगों को लेकर कुछ नहीं हुआ। मैं घोषणा करता हूं कि अब मैं एनडीए के साथ नहीं हूं और 2021 विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को समर्थन दूंगा। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।

बिमल गुरुंग ने कहा है कि गोरखा लैंड को लेकर हमारी मांग अभी भी बनी हुई है। हम अपनी मांग को आगे लेकर जाएंगे। ये हमारा लक्ष्य और विजन है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हम उसी पार्टी को सपोर्ट करेंगे जो हमारी मांगें मानेगी।

गोरखालैंड की मांग को लेकर आवाज़ उठाने वाले बिमल गुरंग पिछले तीन वर्षो से भूमिगत थे। गौरतलब है कि 2017 में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा एक पुलिस कर्मी की हत्या के मामले में बिमल गुरंग के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को कोलकाता पहुंचे गुरंग ने कहा कि वे कोई अपराधी नहीं है और नही देशद्रोही हैं बल्कि वे एक पोलिटिकल पार्टी के नेता हैं।

गौरतलब है कि अभी हाल ही में कृषि कानूनों पर विरोध जताते हुए बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने एनडीए छोड़ दिया था। वहीँ बिहार विधानसभा चुनाव में लोकजनशक्ति पार्टी ने एनडीए छोड़कर अलग चुनाव लड़ रही है। इस सबसे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना एनडीए छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी बना चुकी है।

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