नेहरू को कोसने वाले नेताओं को गडकरी की खरी खरी, कहा, ‘अपने अंदर झांक कर देखें’
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिना किसी का नाम लिए उन बीजेपी नेताओं को नसीहत की है, जो हर बात के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर ज़िम्मेदारी डालकर अपना दामन झाड़ लेते हैं।
नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्ष में रहने वालों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और इनके सम्मान के साथ कार्य करना चाहिए। गडकरी ने कहा कि वाजपेयी और नेहरू भारतीय लोकतंत्र के दो आदर्श नेता थे और दोनों कहते थे कि वे साथ कार्य करेंगे।
एक न्यूज़ चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा कि अटलजी की विरासत हमारी प्रेरणा है और पंडित जवाहरलाल नेहरू का भी भारतीय लोकतंत्र में बड़ा योगदान था।
गडकरी ने हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान संसद में व्यवधान का ज़िक्र करते हुए देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों पंडित जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहार वाजपेयी की तारीफ़ की।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने दिनों को याद करते हुए गडकरी ने कहा कि एक समय था जब उन्होंने सदन को बाधित करने के लिए विधायकों का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि उन दिनों में एक बार मैं अटलजी से मिला था और उन्होंने मुझसे कहा था कि लोकतंत्र में काम करने का यह कोई तरीका नहीं है और लोगों तक अपना संदेश पहुंचाना महत्वपूर्ण है।
सत्ता और विपक्ष करें आत्म मंथन:
सत्ता और विपक्ष सभी दलों को आत्ममंथन करना चाहिए। एक बार इसका आत्म परीक्षण करना चाहिए कि जो आज सत्ताधारी दल है वो कल विपक्ष हो सकता है और जो विपक्ष है वह सत्ता पर भी बैठ सकता है। हमारे रोल बदलते रहता हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो जीवन के कई पड़ाव पर विपक्ष में भी काम कर चुका हूं लेकिन संसद में हाल में हुए व्यवधान से पीड़ा पहुंचती है।
मजबूत विपक्ष को बताया ज़रूरत:
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एक मजबूत विपक्ष एक सफल लोकतंत्र में आवश्यकता है। सत्ताधारी दल और विपक्ष को लोकतंत्र के दो पहिये बताते हुए गडकरी ने कहा कि इस लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए एक मजबूत विपक्ष भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नेहरू ने हमेशा वाजपेयी जी का सम्मान किया और कहा कि विपक्ष भी जरूरी है।