राजद्रोह मामले में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज़फरुल इस्लाम को मिली अग्रिम ज़मानत
नई दिल्ली। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज़फरुल इस्लाम को राजद्रोह के मामले में अग्रिम ज़मानत मिल गई है। इस मामले में ज़फरुल इस्लाम खान द्वारा अग्रिम ज़मानत के लिए याचिका दायर की गई थी।
आज हुई सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई करते हुए 72 वर्षीय खान को राहत दी और उनसे जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होने को कहा। गौरतलब है कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग में ज़फरुल इस्लाम खान का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है।
न्यामूर्ति ने आदेश सुनाते हुए कहा, “याचिकाकर्ता (खान) को गिरफ्तारी की सूरत में 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का जमानती देने की शर्त पर अग्रिम जमानत दी जाती है।”
ज़फरुल इस्लाम खान की ओर से पेश हुईं अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया कि खान ने पहले ही अपना लैपटॉप पुलिस को सौंप दिया है और कई बार वह जांच में शामिल हुए हैं। अभियोजक एम पी सिंह ने कहा कि उन्हें पुलिस से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि खान की आगे की जांच के लिए जरूरत नहीं है।
बता दें कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष रहते हुए 28 अप्रेल को ज़फरुल इस्लाम खान द्वारा की गई एक सोशल मीडिया पोस्ट पर उनके खिलाफ एक शिकायत के आधार पर, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने राजद्रोह और विभिन्न समूहों के बीच धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और भाषा के आधार पर घृणा भाव फैलाने के कथित अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
इस मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज़फरुल इस्लाम खान की तरफ से अग्रिम ज़मानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि खान की गिरफ्तारी होने पर उन्हें तत्काल जमानत पर रिहा किया जाए और उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।