12 सांसदों के निलंबन पर राहुल का सरकार पर निशाना: ‘सवालों और सच से डरती है सरकार’

12 सांसदों के निलंबन पर राहुल का सरकार पर निशाना: ‘सवालों और सच से डरती है सरकार’

नई दिल्ली। मानसून सत्र में हुए हंगामे का हवाला देकर निलंबित किये गए 12 सांसदों के मामले में अभी भी गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष सभी सांसदों का निलंबन बिना शर्त वापस लेने की मांग कर रहा है, वहीँ सरकार ने निलंबन वापस लेने के लिए शर्तें लगाईं हैं। इनमे मानसून सत्र के दौरान हुए हंगामे के लिए माफ़ी मांगने की शर्त भी शामिल है।

इस बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार सवालों और सच से डरती है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “सवालों से डर, सत्य से डर, साहस से डर…जो सरकार डरे, वो अन्याय ही करे।”

इससे पहले गुरुवार को भी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए नारेबाजी की।

निलंबित सांसदों के मामले में विपक्ष पूरी तरह एकजुट दिखाई दे रहा है। राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करें और निलंबन रद्द करें। सरकार सांसदों से माफी की मांग कर रही है, लेकिन वे इससे इनकार कर रहे हैं।

निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के विनय विस्वम शामिल हैं।

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