कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई तेज, दिल्ली में बैठक जारी, पूर्व सीएम बादल ने लौटाया पद्मविभूषण

कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई तेज, दिल्ली में बैठक जारी, पूर्व सीएम बादल ने लौटाया पद्मविभूषण

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो की लड़ाई और तेज हो गई है और अब यह निर्णायक दौर में है। किसानो के साथ सरकार की चौथे दौर की बातचीत दिल्ली में शुरू हो गई है।

कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल ने पद्मविभूषण अवार्ड वापस करने का एलान किया है। बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि मैं आज जो कुछ भी हूं किसानो की वजह से हूं। मैंने कृषि कानूनों का विरोध किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कृषि कानूनों का विरोध करने पर किसानों पर हुई कार्रवाई की निंदा की है।

वहीँ दूसरी तरफ दिल्ली में किसानो और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत शुरू हो गई है। किसानो से बातचीत के लिए क्रेन्दीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल विज्ञानं भवन पहुंच गए हैं। किसानो के साथ बैठक शुरू होने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाक़ात की।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने बताया कि भारत सरकार किसानों से लगातार चर्चा कर रही है और मुझे आशा है कि चर्चा के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। चौथे चरण की चर्चा में कोई न कोई पक्ष जरूर निकलेगा।

वहीँ सरकार के साथ बैठक में भाग लेने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि आज बात बनेगी। सभी काम होंगे, आज कानून वापसी होगी और किसान भी अपने घर जाएगा। अभी चलकर सरकार से बात करेंगे।”

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि “मैंने गृह मंत्री को पंजाब में अपनी स्थिति दोहराई है और कहा है कि ज़ल्दी इसका कोई हल निकलना चाहिए और पंजाब के किसानों को भी अपील करता हूं कि हम ज़ल्दी इसका हल निकालें क्योंकि इसका पंजाब की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर हो रहा है।”

वहीँ दूसरी तरफ किसानो का विरोध प्रदर्शन जारी है। सिंधु बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में आज कांग्रेस नेता उदित राज और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद शामिल हुए।

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “हम लोग किसानों के साथ हैं और अगर सरकार इनके साथ तानाशाही करेगी तो हम सड़कों पर उतरेंगे। मैं चाहता हूं कि किसानों की मांग पर अमल हो। सरकार का असली उद्देश्य किसानों की जमीन छीनना और पूंजीपतियों को देना।”

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TeamDigital