गैर स्थानीय लोगों का नाम मतदाता सूची में शामिल किये जाने पर फारूक अब्दुल्ला ने जताई नाराज़गी

गैर स्थानीय लोगों का नाम मतदाता सूची में शामिल किये जाने पर फारूक अब्दुल्ला ने जताई नाराज़गी

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावो के मद्देनज़र बुलाई गई गुपकार समूह की बैठक में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम नहीं चाहते कि बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में वोटिंग का अधिकार मिले।

अब्दुल्ला ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) द्वारा दिए गए आश्वासनों पर भरोसी नहीं करते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि वह ‘दिल्ली की दूरी’ और ‘दिल की दूरी’ को कम कर देंगे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं किया गया है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अलग-अलग पार्टियों के लोग एकजुट होकर अलग-अलग मुद्दे लेकर आए हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हर दिन नए कानून आने से उनके अधिकारों पर हमला हो रहा है।

शनिवार को संपन्न हुई बैठक में जम्मू कश्मीर की मतदाता सूची में गैर स्थानीय लोगों को शामिल करने के मुद्दे पर भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया गया।

बैठक में पीएजीडी के सभी पांच घटक-एनसी, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, सीपीआई (एम), सीपीआई और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा कांग्रेस और कई जम्मू-आधारित दलों ने भाग लिया, जिनमें पूर्व मंत्री गुलचैन सिंह चरक के नेतृत्व में डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी (डीएसएसपी) और डोगरा सदर सभा शामिल हैं।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि “मुख्य उद्देश्य जम्मू और कश्मीर की मतदान सूची में गैर-स्थानीय लोगों को शामिल करने के मुद्दे पर चर्चा करना था। चरक साहब ने एक सुझाव दिया कि एक समिति बनाई जानी चाहिए। ”

गुलाम अली राज्य सभा के लिए मनोनीत, जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुलाम अली को जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा के लिए नियुक्त किया। गृह मंत्रालय द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।

राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर लोगों ने गुलाम अली (भाजपा) को बधाई दी। गुलाम अली ने कहा, “बीजेपी के लिए मैंने सिर्फ काम किया है और पार्टी ने मेरी ईमानदारी देखी। यह मेरी जीत नहीं है, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर की जीत है।

वहीँ जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने से पहले गुलाम अली को जम्मू कश्मीर से राज्य सभा के लिए मनोनीत किये जाने के सरकार के फैसले को चुनावी चाल से जोड़कर देखा जा रहा है।

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