आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में फारूक अब्दुल्ला
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ अब राजनैतिक दल एकजुट होते दिख रहे हैं। नज़रबंदी से बाहर आये नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला अब सार्वजनिक तौर पर केंद्र सरकार पर हमले बोल रहे हैं। हाल ही में न्यूज़ चैनलों को दिए अपने साक्षात्कार में फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की आलोचना की।
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने को खारिज कर राज्य को न्याय दिलाएगा।
नज़रबंदी समाप्त होने के साथ ही फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पार्टी के उन अन्य नेताओं के साथ बैठक की। आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ फारूक अब्दुल्ला द्वारा शुरू की गई इस मुहिम का पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने समर्थन किया है। इल्तिजा ने लिखा कि महबूबा मुफ्ती ने फारूक अब्दुल्ला के स्टेट्समैनशिप की प्रशंसा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘यह समय है जब सभी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ खड़े हों।’
वहीँ पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने इस बैठक पर खुशी जाहिर करते ट्वीट किया, ‘काफी संतोषजनक दिन था. हमलोगों को यकीन है कि एक साथ मिलकर ही इस हालात से बाहर निकल सकते हैं। यह अब सत्ता हासिल करने की बात नहीं रह गई है। यह हमारे अधिकार को वापस पाने के संघर्ष का मुद्दा है. डॉ. फारूक, महबूबा और तारिगामी.. आप सब का शुक्रिया।’
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ सभी राजनैतिक दलों को एकजुट करने में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर आने वाले कुछ दिनों में फारूक अब्दुल्ला एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर सकते हैं।
एक न्यूज़ चैनल को दिए गए इंटरव्यू में फारूक अब्दुल्ला ने पीएम नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने और गुमराह करने का बड़ा आरोप भी लगाया। गौरतलब है कि पिछले साल पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुछेद 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सहित कई कश्मीर नेताओं को हिरासत में लिया गया था।
पिछले दिनों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कॉफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन सहित कई नेताओं को रिहा किया गया लेकिन महबूबा मुफ़्ती की नज़रबंदी अभी जारी रखी गई है।