किसानो ने दिल्ली-मेरठ हाइवे किया बंद, अब से थोड़ी देर में किसानो की अहम बैठक

किसानो ने दिल्ली-मेरठ हाइवे किया बंद, अब से थोड़ी देर में किसानो की अहम बैठक

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो का आंदोलन आज 31वे दिन भी जारी है। इस बीच किसानो ने दिल्ली-मेरठ एक्प्रेसवे को पूरी तरह बंद कर दिया है। बातचीत के लिए सरकार की तरफ से भेजी गई नहीं चिट्ठी पर विचार करने के लिए किसान संगठनों की संयुक्त बैठक अब से थोड़ी देर में शुरू होने जा रही है।

दिल्ली से सटी सीमाओं सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, यूपी गेट, गाज़ीपुर आदि पर किसानो का प्रदर्शन लगातार जारी है और किसानो की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सभी तरफ से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी है। अब किसान केवल एम्बुलेंस को ही आने-जाने की इजाजत दे रहे हैं।

बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने बताया, “हमें यहां आज पूरा एक महीना हो गया है। सरकार इन कानूनों को रद्द कर दे और हम वापस चले जाएंगे।

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यही बैठे रहेंगे..चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाएं।”

वहीँ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल एक किसान ने कहा कि मोदी सरकार से विनती है कि ये 3 काले कानूनों को रद्द करें। जो लोग हमें आतंकवादी कह रहे हैं हम आतंकवादी नहीं हैं.. जब हम हिंदुओं के लिए लड़ते हैं तब हम फरिश्ते और जब हम अपने लिए लड़ रहें तो हमें आतंकवादी बोल दिया जाता है..हम आतंकवादी नहीं किसान हैं।

किसान अपना आंदोलन समाप्त कर दें: खट्टर

इससे पहले कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर किसानो से अपील करते हुए कहा कि वे अपना आंदोलन समाप्त कर दें। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपील है कि मंच पर आकर सरकार से बात करें। इन बिलों में उन्हें जो ऐतराज़ है, उसपर बात करें। सरकार मानने के लिए तैयार है, सरकार ने कई प्रावधानों को बदलने के लिए कहा भी है।

दो बजे किसानो की अहम बैठक:

सरकार की तरफ से किसान संगठनों को बातचीत के लिए भेजी गई नई चिट्ठी पर आज किसान संगठनों की संयुक्त बैठक दो बजे बुलाई गई है। इस बैठक में किसान आंदोलन में शामिल सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

इस बैठक में किसान संगठन के नेता आगे की रणनीति तय करेंगे। साथ ही यह भी तय होगा कि सरकार के बातचीत के निमंत्रण को स्वीकार कर बातचीत शुरू की जाए अथवा नहीं।

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TeamDigital