सरकार के प्रस्ताव पर आज अपना रुख तय करेंगे किसान
नई दिल्ली। कल किसानो और सरकार के बीच हुई दसवे दौर की बातचीत भले ही बेनतीजा खत्म हुई हो लेकिन बातचीत के दौरान सरकार ने किसानो के प्रति लचीला रुख दिखाते हुए प्रस्ताव दिया कि सरकार कृषि कानूनों को कम से कम डेढ़ वर्ष तक लागू नहीं करेगी।
इतना ही नहीं सरकार की तरफ से दिए गए प्रस्ताव में कृषि कानूनों में बदलाव के लिए किसानो और सरकार के प्रतिनिधियों की एक कमेटी गठित करने का सुझाव रखा। सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों के नेताओं ने अन्य किसानो के साथ बातचीत के बाद फैसला लेने की बात कही।
सरकार और किसानो के बीच अगली बैठक कल यानि 22 जनवरी को होनी है। वहीँ आज संयुक्त किसान समिति की बैठक हो रही है। इस बैठक में करीब 40 किसान संगठनों के 80 सदस्य शामिल होंगे। इस बैठक में किसान नेता सरकार की तरफ से मंगलवार की बैठक में दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि सरकार ने अब लचीला रुख दिखाया है। सरकार के प्रस्ताव पर आज हम संयुक्त समिति की बैठक में चर्चा करेंगे।
हालाँकि टिकैत ने यह भी कहा कि कृषि कानून वापस हुए बिना किसान अपने घर नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन कितना भी लंबा चले किसान उसके लिए तैयार है लेकिन हम अपनी अहम मांगो कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी के लिए कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पीछे नहीं हटेंगे।
वहीँ दूसरी तरफ आज 56वे दिन भी किसान आंदोलन जारी है और किसान अभी भी दिल्ली की सीमाओं पर डंटे हुए हैं। इस बीच 26 जनवरी की किसान ट्रेक्टर परेड में भाग लेने के लिए किसानो का अपने ट्रेक्टरो के साथ आना शुरू हो गया है।
फिलहाल सभी की नज़रें आज हो रही किसान संयुक्त समिति की बैठक पर टिकी हुई हैं। आज हो रही किसान संयुक्त समिति की बैठक में लिया गया फैसला कल सरकार और किसानो के बीच होने वाली बैठक का रुख तय करेगा।