किसानो को समझाने गए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, कड़े विरोध के बाद मायूस होकर लौटे

किसानो को समझाने गए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, कड़े विरोध के बाद मायूस होकर लौटे

मुज़फ्फरनगर। किसान आंदोलन से परेशान भारतीय जनता पार्टी ने किसानो को अलग थलग करने के लिए नया पैंतरा अपनाया लेकिन उसका दांव सीधा नहीं पड़ा। मुज़फ्फरनगर के शामली और पास के दो जाट बाहुल्य गांवो में किसानो को समझाने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को न सिर्फ विरोध का सामना करना पड़ा बल्कि उन्हें खाली हाथ वापस आना पड़ा।

मुज़फ्फरनगर की जाट बैल्ट में खाप नेताओं से मिलने पहुंचे संजीव बालियान को विरोध का सामना भी करना पड़ा। किसानो ने उनके सामने ही न सिर्फ कृषि कानूनों पर विरोध जताया बल्कि उनके समक्ष स्वामीनाथन कमेटी की सभी सिफारिशें लागू करने, एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने जैसी अपनी मांगे भी रखीं।

वहीँ एक गांव लिलौन, जहां एक खाप नेता के यहॉँ संजीव बालियान को जाना था, वह खाप नेता सचिन बाबा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के आने की खबर पाकर खुद किसान आंदोलन में शामिल होने गाज़ीपुर बॉर्डर चले गए। इसके चलते संजीव बालियान को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

हालांकि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि वह खाप के नेताओं से मिलने आये हैं। आंदोलन किसानो का चल रहा है खाप का आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। बालियान ने कहा कि वे अपने लोगों के बीच में आये हैं और उनका आना जाना लगा रहता है।

वहीँ भैंसवाल गांव पहुंचे संजीव बालियान को ज़बरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। इस गांव के किसानों ने नेताओं ने कड़ा विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की है।

बीजेपी नेताओं की टीम जैसे ही आदर्शमंडी थाना क्षेत्र के गांव भैंसवाल में पहुंची थी, वहां पहले ग्रामीणों ने मैन रोड पर ट्रैक्टर ट्राली खड़ा कर नेताओं को गांव में नहीं घुसने दिया। जैसे-तैसे बीजेपी नेता गांव में घुसे तो वहां पर मौजूद किसानों ने मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। विरोध बढ़ता देख मंत्री संजीव बालियान ने अपना काफिला वापस लेने में ही भलाई समझी और वे वापस लौट गए।

गांव के लोगों ने कहा कि जब तक तीनो कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक किसी बीजेपी नेता को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। वहीँ एक ग्रामीण ने कहा कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने खाप चौधरियों को फोन पर अपने आने का कार्यक्रम बताया था, उसी समय उन्होंने उनसे मना कर दिया था और कह दिया था कि हमे नहीं मिलना। इसके बावजूद संजीव बालियान यहां ज़बरदस्ती मिलने चले आये।

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TeamDigital