हरियाणा: डिप्टी सीएम चौटाला के कार्यक्रम का विरोध, किसानो ने खोद दिया हेलीपैड
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब और तेजी पकड़ रहा है। सरकार से अब तक की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अब किसानो का धैर्य जबाव देने लगा है। अभी हाल ही में अंबाला में किसानो ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर का काफिला रोक कर उन्हें काले झंडे दिखाए थे और नारेबाजी की थी।
वहीँ अब हरियाणा के जींद के एक गाँव में शादी समारोह में शामिल होने आ रहे राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भी किसानो की नाराज़गी झेलनी पड़ी है। दुष्यंत चौटाला को इस कार्यक्रम में हैलीकॉप्टर से आना था। उनके आने से पहले ही किसानो ने हैलीकॉप्टर उतरने के लिए बनाया गया हैलीपैड खोद डाला।
किसानो को जैसे ही दुष्यंत चौटाला के आने की सूचना मिली तो किसान उस गाँव में जमा होने लगे और विरोध में नारे लगाए। इसके बाद किसानो ने अपना विरोध जताते हुए हैलीपैड खोद डाला।
प्रशासन को इस बात की जानकारी मिली तो मौके पर पहुंचे अधिकारीयों ने किसानो को मनाने की कोशिश की लेकिन तब तक किसानो ने हैलीपैड को क्षतिग्रस्त कर दिया।
सरकार से बातचीत पर नहीं बनी किसानो की एक राय:
वहीँ दूसरी तरफ कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान संगठनों ने सरकार की तरफ भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को आज अस्वीकार कर दिया है। किसान संगठनों ने कृषि कानूनों को तुरंत वापस लिए जाने की अपनी मांग को दोहराया है।
सरकार द्वारा भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए किसान संगठनों ने कहा कि हम कृषि कानूनों में संशोधन की मांग नहीं कर रहे बल्कि इन्हे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि हम सरकार से फलदायी बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने का अनुरोध करते हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित कर दिया जाए। इससे वार्ता को बेहतर माहौल मिलेगा।
भारतीय किसान यूनियन के युधवीर सिंह ने कहा कि जिस तरह से केंद्र बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है, इससे स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर देरी करके विरोध करने वाले किसानों का मनोबल तोड़ना चाहती है। सरकार किसानो के मुद्दों को हल्के में ले रही है।