टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर बढ़ रही किसानो की तादाद, गृह मंत्री से मिले कृषि मंत्री

टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर बढ़ रही किसानो की तादाद, गृह मंत्री से मिले कृषि मंत्री

नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानो का आना अभी भी जारी है। सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर प्रतिदिन किसानो की तादाद बढ़ती जा रही है। कल किसानो की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के उस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया गया था जिसमे उन्होंने बातचीत से पहले किसानो से बुराड़ी पहुंचने की शर्त रखी थी।

इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर उनसे मुलाकात की है। माना जा रहा है कि किसानो के बढ़ते दबाव के बीच रास्ता निकालने की कोशिश चल रही है।

कल भी दिल्ली में करीब दो घंटे तक बैठक हुई थी। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर मौजूद थे। हालांकि किसानो को मनाने को लेकर बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका।

प्रियंका ने सरकार से पूछा ये सवाल:

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसान कानूनों को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल दागे हैं। प्रियंका ने पूछा कि किसानो से बात किये बिना कृषि कानून कैसे बन सकते हैं ?

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा “नाम किसान कानून लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों का. किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं? उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है? सरकार को किसानों की बात सुननी होगी। आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएं।”

सरकार के मंत्री मैदान में उतरे:

वहीँ किसानो के बढ़ते दबाव के बीच कई केंद्रीय मंत्री कृषि कानूनों को लेकर सरकार के बचाव में मैदान में उतर आये हैं। ट्वीटर पर कई मंत्रियों ने कृषि कानूनों को सही बताते हुए इन्हे किसानो के फायदे का बताया है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद ने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध में उतरे किसानो के खिलाफ सरकार का बचाव किया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, ‘नए कृषि कानून एपीएमसी मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।’ इसके साथ उन्होंने एक तस्वीर भी ट्वीट की है, जिसमें कृषि कानूनों को लेकर मिथक और तथ्य बताए गए हैं।’

किसानो को सरकार के नए प्रस्ताव का इंतज़ार:

कृषि कानूनों के विरोध में टिकरी बॉर्डर और सिंधु बॉर्डर पर जुटे किसानो को सरकार की तरफ से बातचीत के नए प्रस्ताव का इंतज़ार है। यहां प्रतिदिन किसानो की तादाद बढ़ती जा रही है।

किसानो की बढ़ती तादाद को देखते हुए अन्य राज्यों से जुडी दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। वहीँ यूथ कांग्रेस और कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं किसानो की मदद कर लिए आगे आयी हैं। यूथ कांग्रेस ने बॉर्डर पर हेल्थ चेकिंग कैंप लगाकर किसानो के स्वास्थ्य की निशुल्क जांच की। इसके अलावा किसानों के निशुल्क कोरोना टेस्ट की भी व्यवस्था की गई है।

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TeamDigital