और तेज होगा किसान आंदोलन, सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार कर रहे किसान नेता

और तेज होगा किसान आंदोलन, सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार कर रहे किसान नेता

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डंटे कई राज्यों के किसान अब आरपार की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। किसानो की प्रमुख मांग को सरकार द्वारा तरजीह न दिए जाने के बाद अब किसान संगठन आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं।

किसानो का आरोप है एक तरफ सरकार कहती है कि वह किसानो से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, वहीँ जब बातचीत होती है तो मुख्य मुद्दों पर सरकार बात नहीं करती।

भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेताया है कि यदि जल्द कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो किसान हल क्रांति शुरू करेंगे। यूपी गेट पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि तीन नए कृषि कानून को लेकर अगर सरकार हल नहीं निकाल पाती है तो किसान खुद हल क्रांति करेंगे।

वहीँ सरकार से बातचीत के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार को बात करनी चाहिए, हम सरकार से बात करने के लिए कहां मना कर रहे हैं। फूड सप्लाई चेन को किसानों ने बंद नहीं किया है और न हमारी बंद करने की योजना है।”

बीजेपी नेता भी आये किसानो के साथ:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “मैंने निर्णय लिया है कि इस लड़ाई के हम साक्षी बनेंगे, इस लड़ाई के हम समर्थक बनेंगे। किसान आंदोलन के समर्थन में हम दिल्ली के आस-पास हरियाणा के जिलों में सांकेतिक भूख हड़ताल करेंगे।”

उन्होंने बताया कि हम 2 दिशाओं से किसान आंदोलन के समर्थन में छोटूराम विचार मंच की तरफ से यात्राएं शुरू करेंगे ताकि गांवों में इस चीज की जागृति हो कि ये लड़ाई ऐसी नहीं है जिस तरह से इसे दिखाया जा रहा है।

कांग्रेस ने सरकार को फिर घेरा:

इससे पहले कल कांग्रेस ने मोदी सरकार को ईस्ट इंडिया कंपनी से भी बड़ी व्यापारी बताते हुए कुछ कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून लाने का आरोप लगाया था। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार के कार्यकाल में किसान हितो के खिलाफ उठाये गए कदमो का एक एक कर व्यौरा रखा था।

मायावती ने किसान कानून वापस लेने की मांग:

वहीँ बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा, “केन्द्र की सरकार को, हाल ही में देश में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आन्दोलित किसानों के साथ हठधर्मी वाला नहीं बल्कि उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाकर उनकी माँगों को स्वीकार करके, उक्त तीनों कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए, बीएसपी की यह माँग।”

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TeamDigital