सरकार ने किसानो को भेजी नई चिट्ठी, पंजाब में किसान कर रहे जिओ का नेटवर्क डाउन

सरकार ने किसानो को भेजी नई चिट्ठी, पंजाब में किसान कर रहे जिओ का नेटवर्क डाउन

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसानो का आंदोलन आज 29वे दिन भी जारी रहा। इस बीच आज कृषि मंत्रालय ने किसान संगठनों को एक और पत्र भेजा है।

पत्र में कहा गया है कि किसानो से बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। पत्र में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधनों की गुंजाईश का भी ज़िक्र किया गया है। सरकार के इस नए पत्र पर अभी तक किसान संगठनों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

29वे दिन भी किसान आंदोलन जारी:

वहीँ दूसरी तरफ किसानो का आंदोलन और तेज हो गया है। पंजाब में किसानो ने विरोध का नया तरीका ढूंढ निकाला है। खेतो में लगे रिलायंस के जिओ के टॉवरों पर चढ़कर किसान नेटवर्क डाउन कर रहे हैं।

इतना ही नहीं किसानो ने आज सिंघु बॉर्डर और बुराड़ी में जिओ के सीमा की होली भी जलाई। बुराड़ी में भारतीय किसान यूनियन के नेता बिंदर सिंह गोलेवाला ने कहा कि जब तक काले कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हमारे हौंसले बुलंद हैं। सरकार जितनी जल्दी हो सके ये कानून रद्द कर दे नहीं तो संघर्ष और बढ़ा होगा। हमें दुनिया का सहयोग मिल रहा है।

वहीँ नोएडा सीमा पर यूपी गेट पर किसानों के समर्थन में विजय हिंदुस्तानी ने अपने खून से पत्र लिखकर सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। विजय हिंदुस्तानी ने सात अन्य किसानों के साथ किसी भी तरह का कदम उठाने का अल्टीमेटम सरकार को दिया है।

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक हम हटेंगे नहीं..चाहे 10 साल लग जाएं। 6 बार की बातचीत हो चुकी है। सरकार चाहती तो हल निकाल सकती थी।”

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा यूपी के बिलासपुर के नवाबगंज स्थित गुरुद्वारा पहुंचे। वहां वह बोले, सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों को धरना प्रदर्शन करने का अधिकार दिया है तो यूपी पुलिस किस हक से किसानों को दिल्ली जाने से रोक रही है। उन्होंने कहा है कि जो किसान दिल्ली आना चाहते हैं, उन्हें पुलिस अपनी धक्केशाही से ना रोके।

कुछ अच्छा करने चलो तो वधाएं आती हैं: कृषि मंत्री

इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में भी और देश के जीवन में भी ऐसे क्षण आते हैं जब कुछ अच्छा करने चलो तो वाधाएं आती हैं। ऐसी ही परिस्थिति से आज हम गुजर रहे हैं।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में आज राष्ट्रपति को दिए गए ज्ञापन पर नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती, देश का तो सवाल ही नहीं उठता। आज जब वे राष्ट्रपति को विरोध व्यक्त करने गए, तब कांग्रेस से कोई भी नेता किसानों से हस्ताक्षर करवाने नहीं आया और न किसानों ने हस्ताक्षर किए।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital