कल देशभर के किसान मोदी सरकार के खिलाफ मनाएंगे ‘विश्वासघात दिवस’

कल देशभर के किसान मोदी सरकार के खिलाफ मनाएंगे ‘विश्वासघात दिवस’

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भले ही तीन विवादित कृषि कानून वापस ले लिए हैं लेकिन अभी कई मुद्दों पर किसान सरकार के रुख का इंतज़ार कर रहे हैं। एमएसपी, बिजली की दरों सहित कई मुद्दे अभी भी ऐसे हैं जिन पर सरकार के पाले में गेंद है और सरकार की तरफ से इन मुद्दों के हल के लिए अभी कोई पहल नहीं की गई है।

इस बीच संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर कल देशभर के किसान विश्वासघात दिवस मनाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है।

टिकैत ने कहा कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन अभी भी वादे अधूरे हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर जो भी वादा किया है उसे पूरा करे. हम चुनाव से अलग हैं। हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से खुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज होगी तो किसी और को वोट देगी।

वहीँ टिकैत ने ट्वीट कर कल विश्वासघात दिवस मनाये जाने का एलान करते हुए कहा कि “सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ कल 31 जनवरी को देशव्यापी ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया जाएगा।”

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में तीनो कृषि कानून वापस लेने का एलान किया था। जिसमे बाद किसानो ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। तीनो कृषि कानून वापस लेने के साथ ही सरकार की तरफ से किसान नेताओं को ये आश्वासन दिया गया था कि एमएसपी सहित किसानो से जुड़े अन्य मामलो पर विचार के लिए एक समिति गठित की जाएगी। जो किसानो से बातचीत कर इन मुद्दों पर निराकरण करेगी।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital