किसानो ने नहीं खाया सरकार का खाना, अपने साथ लाये खाने को बांटकर खाया

किसानो ने नहीं खाया सरकार का खाना, अपने साथ लाये खाने को बांटकर खाया

नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञानं भवन में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच आज चौथे दौर की बातचीत हुई। इस बीच भोजन के समय किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार की तरफ से किये गए भोजन और चाय को स्वीकार करने से इंकार कर दिया।

विज्ञानं भवन में सरकार की तरफ से किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के लिए भोजन और चाय की व्यवस्था की गई थी लेकिन किसानो से सरकार के भोजन और चाय को स्वीकार करने से परहेज जताते हुए अपने साथ लाये गए भोजन को आपस में बांटकर खाया।

जहां एक तरफ सरकार और किसानो के बीच बातचीत जारी है वहीँ दूसरी तरफ सिंधु बॉर्डर पर किसानो का आंदोलन जारी है। किसान आंदोलन के कारण कई बॉर्डर बंद होने से दिल्ली में ट्रेफिक पर ख़ासा असर पड़ा है।

आंदोलनकारी किसानो ने गाज़ियाबाद से दिल्ली आने वाले रास्ते को भी जाम कर दिया लेकिन प्रशासन द्वारा मिन्नतें किये जाने के बाद किसान इस रास्ते को आंशिक रूप से खोलने को तैयार हो गए हैं जिससे कार और बाइक जैसे छोटे वाहनों को निकाला जा सके।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने दावा किया कि यूपी या देश के किसान आंदोलित नहीं है। किसान जानते हैं कि 6000 रु. उनके खाते में कांग्रेस ने नहीं मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने पहुंचाए हैं। किसानों से अपील है कि इन कांग्रेसियों के चक्कर में न पड़ें ये कांग्रेस किसान, कृषि और देश के विकास की विरोधी है।

वहीँ केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसान भाइयों को किसी भी तरह का भ्रम है तो सरकार पूरी ईमानदारी के साथ उसे दूर करने के लिए काम कर रही है। ये भ्रम जल्द दूर होगा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की समस्या यह है कि हर समय सत्ता की सनक और कुर्सी की भनक के लिए उनकी लार टपकने लगती है। उन्हें लगता है कि भय और भ्रम के माहौल में लोगों को गुमराह करने का काम करो, लेकिन उसमें सफलता कभी नहीं मिलेगी।

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TeamDigital