फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास का इस्तीफा

फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास का इस्तीफा

नई दिल्ली। फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास को आखिर अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। अंखी दास पर हेट कंटेंट के खिलाफ कार्रवाही न करने और एक विशेष राजनीतिक दल का पक्ष लेने के गंभीर आरोप लगे थे।

अंखी दास को डाटा सुरक्षा विधेयक 2019 को लेकर संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश होना पड़ा था। इतना ही नहीं अंखी दास के पॉलिसी हैड रहते सोशल मीडिया साइट के कथित दुरुपयोग को लेकर विपक्ष ने कड़े आरोप लगाए थे।

बीते माह फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजित मोहन भी सूचना और प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सामने पेश हुए थे। कांग्रेस नेता शशि थरूर इसके अध्यक्ष हैं।

गौरतलब है कि अमेरिकी अख़बार वॉलस्ट्रीट जनरल और टाइम मैगज़ीन ने फेसबुक इंडिया को लेकर बड़े खुलासे किये थे। वॉल स्ट्रीट जनरल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाये थे।

पहली रिपोर्ट में वॉलस्ट्रीट जनरल ने फेसबुक इंडिया द्वारा हेट कंटेंट को न हटाए जाने को लेकर बड़ा खुलासा किया था। वहीँ रिपोर्ट में अख़बार ने खुलासा किया है कि अंखी दास ने 2011 में फेसबुक ज्वाइन किया। राजनीति में फेसबुक की बढ़ती लोकप्रियता के बीच 2012 में गुजरात में बीजेपी के लिए भी फेसबुक के जरिए जनता के बीच पहुंचने का काम किया गया। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद अंखी दास ने लिखा था, ”हमारे गुजरात कैंपेन की सफलता।”

फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हैड अंखी दास ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर लिखा था, ”आखिरकार, तीस साल के जमीनी काम से भारत को स्टेट सोशलिज्म से मुक्ति मिल गई।” इस पोस्ट में जीत के लिए नरेंद्र मोदी को स्ट्रॉन्गमैन भी बताया गया।

वहीँ अख़बार ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर खुलासा किया है कि फेसबुक ने बीजेपी के प्रचार लिए अपनी पॉलसी गाइडलाइन को किनारे रखते हुए बिना वेरिफाई किये नए नवेले संगठनों के नाम से विज्ञापन स्वीकार किये। इतना ही नहीं फेसबुक ने फ़र्ज़ी नामो से बनाये गए पेजो पर कोई एक्शन नहीं लिया और नियमों के हिसाब, विज्ञापन देने वालों की पहचान वेरिफाई नहीं की।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital