राज्यसभा में ‘चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक’ पास, विपक्ष ने सरकार की मंशा पर उठाये सवाल

राज्यसभा में ‘चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक’ पास, विपक्ष ने सरकार की मंशा पर उठाये सवाल

नई दिल्ली। चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक लोकसभा के बाद राज्य सभा में भी पास हो गया है। इस दौरान विपक्ष ने विरोध जताया और सदन से वाक आउट किया।

तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा में ‘अभद्र व्यवहार’ के लिए शेष सत्र के लिए कार्यवाही में शामिल होने से निलंबित कर दिया गया है। राज्यसभा में चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 का विरोध करते हुए टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुस्से में आकर संसद की रूल बुक को सेक्रेटरी जनरल पर फेंक दिया था।

‘चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक’ के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री किरन रिरिजू ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को स्वच्छ रखने के लिए मतदाता सूची का साफ होना जरूरी है। इस कदम से फर्जी वोटर्स पर अंकुश लगाया जा सकेगा। आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ना अनिवार्य नहीं है बल्कि यह स्वैच्छिक होगा. यह एक पात्र आम आदमी के लिए अच्छा है।

उन्होंने कहा कि पक्ष-विपक्ष और संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए विधेयक पर चुनाव आयोग और कानून मंत्रालय के साथ विस्तार से चर्चा की गई है। हर कोई इसका समर्थन कर रहा है, केवल 1-2 लोग इसे विवादास्पद मुद्दा बनाना चाहते हैं।

चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसमें चोरी है। इनकी मंशा छुपी हुई है कि किसी तरह से वोटर लिस्ट को प्रभावित करें। जो कांग्रेस और भाजपा विरोधी लोग हैं उनके नाम काटे जाएं। इस वजह से हम इसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी पुतिन और शी जिनपिंग बनना चाहते हैं। वे पूरे चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं, वोटर लिस्ट में भी और EVM में भी।

चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पर TMC सांसद डोला सेन ने कहा कि हम भारत के लोग जो संविधान में बहुत महत्वपूर्ण है उसको ये नहीं मानते, अगर मानते तो उसके लिए समय देते। विपक्ष का काम है जनता की आवाज़ उठाना, उसके लिए भी समय नहीं दिया। इतनी जल्दबाजी में अच्छा काम नहीं होता।

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TeamDigital