अवैध रेत खनन मामला: ईडी ने पंजाब में कई स्थानों पर की छापेमारी

अवैध रेत खनन मामला: ईडी ने पंजाब में कई स्थानों पर की छापेमारी

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गैरकानूनी तरीके से रेत का खनन करने में शामिल कम्पनियों और ‘रेत माफिया’ के खिलाफ धन शोधन की जांच के तहत पंजाब में कई स्थानों पर मंगलवार को छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि संघीय एजेंसी के अधिकारी चंडीगढ़ तथा मोहाली में कम से कम 10 से 12 स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।

भूपिंदर सिंह उर्फ हनी नामक व्यक्ति के परिसर पर छापेमारी की जा रही है। उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का रिश्तेदार बताया जा रहा है। विपक्षी दलों ने पहले भी चन्नी के हनी के साथ संबंध होने का दावा किया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इन बातों को खारिज कर दिया था।

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने पंजाब पुलिस की 2018 की एक प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद कार्रवाई शुरू की, जिसमें कुछ कम्पनियों और लोगों के खिलाफ राज्य में अवैध रेत खनन में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

केजरीवाल ने चन्नी सरकार पर साधा निशाना:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पंजाब के अपने समकक्ष चरणजीत सिंह चन्नी पर अवैध रेत खनन को लेकर निशाना साधा और कहा कि उनसे पंजाब के बेहतर भविष्य की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

केजरीवाल ने यहां हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद कहा, ‘‘ यह दुखद है कि मुख्यमंत्री के एक रिश्तेदार के यहां अवैध रेत खनन के मामले में छापेमारी की जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने बताया था कि चन्नी के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब में कैसे बालू का अवैध खनन हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस बात का खुलासा होने के बावजूद, मुख्यमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की और बल्कि उसका बचाव करने की कोशिश की। यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री और उनका परिवार अवैध रेत खनन में शामिल है। ऐसा इंसान जिनका परिवार अवैध खनन में लिप्त है, उनसे पंजाब के भविष्य के लिए आप क्या उम्मीद कर सकते हैं।’’

केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘ हम लगातार यह कहते रहे हैं कि उनके मंत्रिमंडल में कई लोग अवैध रेत खनन में शामिल हैं और चन्नी साहब खुद उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।’’ उन्होंने पूछा, ‘‘ चन्नी साहब उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर क्यों नहीं निकाल रहे? उन्हें अब भी मंत्रिमंडल में क्यों रखा है?’’

गौरतलब है कि पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है।

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TeamDigital