औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में तीसरे महीने भी गिरावट, खुदरा महंगाई दर उच्चतम स्तर पर पहुंची
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था सुद्रण करने में जुटी केंद्र सरकार को आज दोहरा झटका लगा है। जहाँ एक तरफ तीसरे महीने भी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में गिरावट दर्ज की गई है वहीँ खुदरा महंगाई दर उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर में 3.8 फीसदी गिर गया है इससे पहले अगस्त में 1.4 फीसदी और सितंबर में 4.3 फीसदी गिरावट दर्ज हुई थी।
वहीँ दूसरी तरफ नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.54 फीसदी पर पहुंच गई, जो तीन साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले जुलाई 2016 में खुदरा महंगाई 6.07 फीसदी पर पहुंची थी। खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने के कारण नवंबर में खुदरा महंगाई दर तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने खाने-पीने की चीजों की महंगाई 10.01 फीसदी बढ़ गई। अक्टूबर में भी इसमें 7.89 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी, जबकि नवंबर 2018 में इनके दाम 2.61 फीसदी घट गए थे।
गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 2.1 फीसदी घट गया। अक्टूबर 2018 में इसमें 8.2 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। विकास का प्रमुख पैमाना माने जाने वाले बिजली उत्पादन में भी 12.2 फीसदी गिरावट आई है। एक साल पहले इसमें 10.8 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। इंडस्ट्री की डिमांड नहीं निकलने के कारण खनन की भी मांग कम रही और वहां उत्पादन आठ फीसदी घट गया। अक्टूबर 2018 में खनन उत्पादन 7.3 फीसदी बढ़ा था।
गौरतलब है कि आर्थिक मंदी के चलते विपक्ष लगातार सरकार को निशाना बनाता रहा है। अर्थव्यवस्था को सुद्र्ण करने की कोशिशों में जुटी मोदी सरकार के लिए खुदरा महंगाई दर बढ़ना और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में गिरावट जारी रहना चिंता का विषय है।