नागरिकता कानून के खिलाफ डीएमके ने जुटाए दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर

नागरिकता कानून के खिलाफ डीएमके ने जुटाए दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर

चेन्नई। नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर जहाँ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं वहीँ तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल द्रवण मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेतृत्व वाले सेक्युलर प्रोग्रेसिव एलायंस ने नागरिकता कानून के खिलाफ शुरू किये हस्ताक्षर अभियान से दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाए हैं।

सीएए के खिलाफ सेक्युलर प्रोग्रेसिव एलायंस द्वारा यह हस्ताक्षर अभियान 2 फरवरी को शुरू किया गया था। नागरिकता कानून के खिलाफ डीएमके दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षरों के साथ एक ज्ञापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजेगा। इस ज्ञापन में नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग की जायेगी।

डीएमके नेता एम् के स्टालिन ने पिछले दिनों हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की थी। यह हस्ताक्षर अभियान तमिलनाडु के कई शहरो में चलाया गया था। तमिलनाडु में डीएमके का कांग्रेस एमडीएमके साथ गठबंधन है और तीनो ही पार्टियां नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं।

नागरिकता कानून के खिलाफ अब तमिलनाडु में भी लोग सैकड़ो पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य में में चेन्नई के अलावा कोयंबटूर और मदुरै में भी नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।

चेन्नई के वाशरमैनपेट में शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया था।

वहीँ चेन्नई में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई पर दिल्ली में जामिया समन्वय समिति के सदस्यों ने तमिलनाडु हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले दो महीने से विरोध प्रदर्शन जारी है। शाहीन बाग़ की तर्ज पर जहाँ उत्तर प्रदेश के कई शहरो में विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ रहे हैं।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में 143 याचिकाएं लंबित। हैं 22 जनवरी को सुनवाई के दौरान देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में जबाव दाखिल करने का समय दिया था।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital