राहुल गांधी की अभिजीत बनर्जी से चर्चा: सभी को मिले मदद और जारी हो टेंपरेरी राशन कार्ड

राहुल गांधी की अभिजीत बनर्जी से चर्चा: सभी को मिले मदद और जारी हो टेंपरेरी राशन कार्ड

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लागू लॉक डाउन से पैदा हुए हालातो को लेकर आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ गहन संवाद किया।

नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने चर्चा के दौरान एक बात बड़े साफतौर पर कही। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट के दौर में हर किसी को टेंपरेरी राशन कार्ड दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमे देखना होगा कि दुनिया में ऐसे कौन-से देश हैं, जिनकी नीति से हमें फायदा हो सकता है या हम अपना सकते हैं।

इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए अभिजीत बनर्जी ने कहा कि इस समय इंडोनेशिया अपने देश के नागरिको को देने जा रहा है और यह सब कम्युनिटी स्तर पर फैसला लेने की प्रक्रिया के तहत हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया में सरकार नहीं बल्कि समाज तय कर रहा है कि कौन जरूरतमंद है और फिर उसे पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है। हमने इंडोनेशिया की सरकार के साथ काम किया है और देखा कि केंद्रीकृत प्रक्रिया के मुकाबले यह कहीं ज्यादा सही प्रक्रिया है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जबाव में अभिजीत बनर्जी ने कहा कि ऐसे समय टेंपरेरी राशन कार्ड हर किसी के लिए जारी किया जाना चाहिए और टेंपरेरी राशन कार्ड का इस्तेमाल आम लोगों को मनी ट्रांसफर और गेहूं-चावल देने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में मांग बढ़ाने के लिए 60 फीसदी सबसे गरीब लोगों को ज्यादा पैसा दिया जाए तो यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इससे अर्थव्यवस्था को फायदा ही होगा।

बनर्जी ने कहा कि मांग सुधारने के लिए नागरिकों के हाथ में ज्यादा पैसा देने के लिए भारत को अमेरिका से सीखना चाहिए। अमेरिका ने अपने यहां नागरिकों को कई बड़े पैकेजों की घोषणा की है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि भारत को राहत पैकेज की आवश्यकता है। अभी तक जो वित्तीय पैकेज दिया गया है, वह संकट और चुनौतियों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है।

अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि हमें लॉकडाउन के बाद आर्थिक रफ्तार की बहाली के लिए आशावादी माहौल बनाए रखने का प्रयास करना होगा। सकारात्मक माहौल से भी हम जल्दी मौजूदा संकट से उबर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए खर्च करना सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। व्यय से अर्थव्यवस्था पर तुरंत असर दिखाई देगा।एमएसएमई पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए अभी कोई निश्चित लक्ष्य देना सही नहीं होगा। मांग में सुधार लाने के लिए हर किसी को पैसा देने की आवश्यकता है।

अभिजीत बनर्जी ने कहा कि जिस तरह की अब आपात स्थिति है, उस दौरान यह अच्छी नीति है क्योंकि समाज के पास कई बार वह सूचनाएं और जानकारियां होती हैं तो केंद्रीकृत व्यवस्था में आपके पास नहीं होतीं। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि दो चिंताएँ हैं- दिवालिया होने के सिलसिले से कैसे बचें। हो सकता है कि बहुत सारे ऋण माफ करना एक तरीका है। अन्य है- मांग में कमी और लोगों के हाथों में कुछ नकदी पहुंचाकर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का सबसे अच्छा तरीका है।

वहीँ लॉकडाउन को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि राज्यों को लॉकडाउन के बारे में फैसला करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हर राज्य की अपनी आवश्यकता और चुनौतियां हैं। उन्हें ही बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

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TeamDigital