महाराजा के गढ़ में राजा करेंगे अगुवाई, कमलनाथ से पूरा करेंगे सत्ता में वापसी का वादा
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में शुक्रवार को संपन्न हुए राज्य सभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही तीन में से दो सीटें जीती हों लेकिन कांग्रेस के राजा कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह बीजेपी के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया से एक वोट ज़्यादा लाने में सफल रहे।
राज्य सभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कुल 56 वोट मिले वहीँ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह उनसे एक वोट अधिक यानि 57 वोट जीतने में सफल रहे। हालाँकि दिग्विजय के लिए कांग्रेस ने 54 वोटों का आंकड़ा तय किया था लेकिन इसके बावजूद उन्हें 57 वोट मिले। इनमे 55 वोट कांग्रेस विधायकों के, एक वोट निर्दलीय विधायक और एक वोट बीजेपी विधायक ने क्रॉस वोटिंग कर दिग्विजय के खाते में डाला।
राज्य सभा के लिए चारो उम्मीदवारों में सर्वाधिक वोट कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को मिले। उसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56, सुमेर सोलंकी को 55 वोट और फूल सिंह बरैया को 36 वोट मिले।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ‘मध्यप्रदेश से कॉंग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मुझे 54 कॉंग्रेस विधायकों ने व 3 अन्य विधायकों ने चुन कर राज्यसभा में पुन: भेजा मैं आभारी हूँ। मैं आभारी हूँ हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया जी राहुल जी व प्रियंका जी का और कॉंग्रेस के उच्च कमान का जिन्होंने मुझे इस लायक़ समझा।’
राज्य सभा चुनाव में मिली सफलता के बाद अब दिग्विजय सिंह 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव का काम देखेंगे। टीम कमलनाथ के एक सदस्य ने सूत्रों को बताया कि अब दिग्विजय सिंह राज्य बीजेपी के अंदर चल रही अंतर्कलह को भुनाने का काम करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि महाराजा के खिलाफ राजा को खड़ा किये जाने की कवायद के तहत दिग्विजय सिंह ग्वालियर-चंबल के इलाको में अपनी बिसात बिछाएंगे। दिग्विजय सिंह एक लम्बे अरसे तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वे जानते हैं कि कौन सा मोहरा कहाँ रखना है।
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने 192 दिनों तक नर्मदा यात्रा कर मध्य प्रदेश की करीब 110 विधानसभाओं में कांग्रेस के वोट बैंक को फिर से ज़िंदा किया था। इस यात्रा अक एक बड़ा संदेश गुजरात तक गया और कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले से कहीं अधिक बेहतर प्रदर्शन किया।
सूत्रों ने बताया कि यदि जल्द ही लॉक डाउन खत्म हो गया तो दिग्विजय सिंह जल्द ही ग्वालियर-चंबल के उन इलाको की यात्रा कर सकते हैं जहाँ उपचुनाव होने हैं। इतना ही नहीं यदि लॉक डाउन लम्बा खिंचता है तब भी दिग्विजय सिंह राज्य में कांग्रेस को वापस सत्ता में लाने के लिए बीजेपी में बड़ी सेंधमारी कर सकते हैं।
सूत्रों के कहा कि दिग्विजय सिंह की आज भी पुराने नेताओं यहाँ तक कि प्रशासनिक अधिकारीयों पर अच्छी पकड़ है। वे दूर बैठकर भी चुनाव हारने और जिताने की ताकत रखते हैं। लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस के पूर्व कार्यकर्त्ता से चुनाव हार जाना इस बात का बड़ा सबूत है।
सूत्रों ने कहा कि फिलहाल यह तय ही माना जाए कि राज्य सभा चुनाव जीतने के बाद अब उपचुनाव में दिग्विजय सिंह की बड़ी भूमिका होगी और कमलनाथ जिस तरह से 20-22 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, उसके पीछे बीजेपी में कोई बहुत बड़ी सेंधमारी भी हो सकती है, जो आने वाले दिनों में देखने को मिल सकती है।