किसानो ने 15 लोगों को पुलिस को सौंपा, इनके पास थे सरकारी नौकरी करने कें पहचान पत्र: दिग्विजय

किसानो ने 15 लोगों को पुलिस को सौंपा, इनके पास थे सरकारी नौकरी करने कें पहचान पत्र: दिग्विजय

नई दिल्ली। किसान परेड के दौरान कल हुई हिंसा और लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के मामले में जहाँ दिल्ली पुलिस ने 40 किसान नेताओं सहित करीब 400 लोगों के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज की है। वहीँ अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कल हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

दिग्विजय सिंह ने कल की घटना को सरकार की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों ने 15 लोगों को पकड़कर दिल्ली पुलिस को दिया है। उनके पास सरकारी मुलाजिम होने का पहचान पत्र मिला है। यह आंदोलन को गलत रास्ते पर दिखाने का षड्यंत्र था।लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा नहीं था, पहले तिरंगा झंडा था उसके नीचे किसान यूनियन और खालसा का झंडा था।

गौरतलब है कि कल लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के मामले में बीजेपी सांसद सनी देओल के करीबी रहे दीप सिंधु का नारे लगवाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था। इतना ही नहीं दीप सिंधु की पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित कुछ बीजेपी नेताओं के साथ तस्वीरें भी वायरल हुई थीं।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद दीप सिंधु ने सिंघु बॉर्डर से पंजाब की तरफ भागने की कोशिश भी की थी लेकिन उसे किसानो ने मौके से दबोच लिया था। हालांकि इससे पहले दीप सिंधु ने एक वीडियो जारी कर लाल किले पर धार्मिक झंडा निशान साहिब फहराने का समर्थन करते हुए इसे भारत की अनेकता में एकता का प्रदर्शन बताया था।

दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा ने कल हुई हिंसा और लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने की घटना से खुद को अलग कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि “जिसने झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साज़िश पिछले 2 महीने से चल रही है। कुछ लोग को चिंहित किया गया है उन्हें आज ही यहां से जाना होगा। जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।”

फिलहाल दिल्ली पुलिस ने कल हुई हिंसा में एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच अपराध शाखा को सौंपी है। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के डा सुरेश कुमार ने कल हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों के इलाज की जानकर्ती देते हुए बताया कि “कल 22 लोग हमारे अस्पताल में भर्ती हुए। जिसमें 12 पुलिसकर्मी थे, 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं बाकि प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज किए गए। ट्रॉमा सेंटर में 62 पुलिसकर्मी और 2 प्रदर्शनकारी भर्ती थे। ज़्यादातर डिस्चार्ज हो गए, 2 पुलिसकर्मी अभी भी भर्ती हैं।”

किसानो को लाल किले की तरफ ले जाने वाले पर हो कार्रवाही: वीएम सिंह

गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि जो किसानो को लाल किले की तरफ ले गया था उसके खिलाफ कार्रवाही होनी चाहिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं… ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।

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TeamDigital