कमलनाथ- दिग्विजय की प्रतिष्ठा का सवाल बने उपचुनाव, ऐसे चल रही तैयारियां

कमलनाथ- दिग्विजय की प्रतिष्ठा का सवाल बने उपचुनाव, ऐसे चल रही तैयारियां

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की नाक का सवाल बन गए हैं। यही कारण है कि दोनों नेताओं के बीच नियमित तौर पर उपचुनावों की तैयारियों को लेकर मुलाकातों का दौर जारी है।

पार्टी सूत्रों की माने पार्टी हाईकमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के लिए दिग्विजय सिंह को ज़िम्मेदार मान रहा है कि इसलिए अब दिग्विजय सिंह पार्टी को वापस सत्ता में लाने के लिए महत्वपूर्ब भूमिका अदा करना चाहते हैं।

वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उपचुनावो को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना चुके हैं और 24 सीटों में से 22 सीटें जीतने का दावा भी कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो कमलनाथ 22 सीटें जीतने के अपने दावे को साबित करने के लिए अभी से जोड़तोड़ में जुट गए हैं।

सूत्रों ने कहा कि सिंधिया के गढ़ में और भारतीय जनता पार्टी के अंदर सिंधिया विरोधी नेताओं को एक्टिव किया जा रहा है जो चुनाव प्रचार में बीजेपी को अंदर से चुनौती देंगे। इतना ही नहीं कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर-चंबल के इलाके में अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है।

कमलनाथ की टीम से जुड़े एक कांग्रेस नेता के मुताबिक एक एक सीट पर टक्कर देने की तैयारी चल रही है और हम फिर से वे सभी सीटें जीतेंगे जो हमने पिछले विधानसभा चुनाव में जीती थीं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सिंधिया के गढ़ वाली सभी सीटों पर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही बीजेपी के कुछ बड़े चेहरे कांग्रेस का हाथ थामेंगे।

चुनाव विशेषज्ञ प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि बातचीत चल रही है और उपचुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए हर ज़रूरी कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल यह देखना है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए कितने पूर्व विधायकों को बीजेपी उम्मीदवार बनाती है। कांग्रेस की रणनीति में इसी के हिसाब से फेरबदल किया जायेगा।

जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी बीजेपी के उन वफादारों के भी सम्पर्क में हैं जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे? इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बीजेपी के दो दर्जन से अधिक नेताओं के सम्पर्क में है और जल्द ही पूरी तस्वीर साफ़ हो जाएगी।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों के लिए जल्द ही उपचुनाव होना है। इनमे से 22 सीटें कांग्रेस के पूर्व विधायकों वाली हैं, जिनके इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार का पतन हुआ था।

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TeamDigital