मजदूरों की मौत मामले में दिग्विजय ने शिवराज सरकार को ठहराया ज़िम्मेदार

मजदूरों की मौत मामले में दिग्विजय ने शिवराज सरकार को ठहराया ज़िम्मेदार

नई दिल्ली। उमरिया, शहडोल व मंडला जिले के 16 मजदूरों की महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में मालगाड़ी से कुचल कर हुई मौत के मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर सीधा हमला बोला है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘मैंने कल ही शिवराज चौहान से प्रश्न किया था “क्या इन मज़दूरों का पंजीयन हुआ था? यदि हुआ था तो मप्र सरकार ने क्या इंतज़ाम किया?’ उन्होंने हादसे में ज़िंदा बचे मजदूर धीरेंद्र सिंह के बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि जो मजदूर बच गया उसके बयान से साबित हो गया कि मप्र शासन की लापरवाही व अकर्मण्यता के कारण यह मज़दूरों की जान गयी।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘लाल बहादुर शास्त्री जी ने ट्रेन हादसे के बाद त्यागपत्र दे दिया। माधव राव सिंधिया जी ने हवाई जहाज़ की दुर्घटना पर त्यागपत्र दे दिया। अब शिवराज जी आप बतायें, क्या आपको ज़िम्मेदारी स्वीकार कर त्यागपत्र नहीं दे देना चाहिये? लेकिन आप धोखे से बने मुख्यमंत्री हैं, जनता का विश्वास पाकर आप मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। इसलिये आप से हमें व मध्य प्रदेश की जनता को यह उम्मीद नहीं है।’

दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि ‘महाराष्ट्र राज्य के प्रभारी प्रमुख सचिव से जो फ़ोन नंबर दिया गया था उस पर लगातार मेरे कार्यालय से 02/03/04 मई तक संपर्क करने का प्रयास करता रहा लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। अब शिवराज जी यह बतायें कि इस हादसे के लिये कौन ज़िम्मेदार है?’

उन्होंने कहा कि ‘मेरे द्वारा स्थापित कोरोना हेल्प लाइन पर प्रदेश के बाहर जितने मज़दूर फँसे हुए थे उनकी सूचियॉं मप्र शासन के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आईसीपी केसरी जी को समय समय पर भेजता रहा हूँ। वे सूचियाँ भी मैं सोशल मीडिया पर डालूँगा।’

गौरतलब है कि शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में प्रवासी मजदूरों के ऊपर से उस समय मालगाड़ी निकल गई जब वे पैदल चलने के बाद थकान के कारण रेल की पटरियों पर आराम करने के उद्देश्य से रुक गए थे। इस दौरान मजदूरों को थकान के कारण नींद आ गई और पटरी पर सो रहे सभी 16 प्रवासी मजदूरों को एक मालगाड़ी रौंदती हुई निकल गई।

वहीँ इस घटना में तीन प्रवासी मजदूर बच गए क्यों कि रेलवे पटरी से थोड़ी दूर पर लेटे थे। सभी मृतक मजदूर मध्य प्रदेश के थे और वे महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश वापस जाने के लिए पैदल निकले थे।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital