वायरल वीडियो: कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल के खिलाफ जांच के आदेश
लखनऊ। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (जीवीएसएम) मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल आरती लालचंदानी द्वारा वायरल वीडियो में कथित तौर पर तब्लीगी जमात के लोगों को लेकर की गई टिप्पणियों और उन्हें इलाज देने की जगह जंगल में डालने वाले बयान को लेकर डीआईजी ने जांच के आदेश दिए हैं।
इस मामले में डीआईजी ने कानपुर के एसपी(क्राइम) और एसडीएम से जांच करने के लिए कहा है। बता दें कि जीवीएसएम मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल आरती लालचंदानी का एक वीडियो वायरल हुआ था।
इस वीडियो में वे तब्लीगी जमात के लोगों को लेकर टिप्पणी करती दिख रही हैं। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल वीडियो में यह भी कह रही हैं कि मुसलमान सरकार के रिसोर्सेज को इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हे अस्पताल में नहीं जेल में भेजा जाना चाहिए या जंगल में भिजवा देना चाहिए था।
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल का वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम नेताओं, बुद्धजीवियों और सामाजिक संगठनों ने आरती लालचंदानी को तुरंत नौकरी से हटाए जाने और कोरोना संक्रमण में मुसलमानो को दिए गए इलाज की जांच की मांग उठाई है।
वहीँ कानपुर के समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी ने डा आरती लाल चंदानी को तुरंत बर्खास्त किये जाने की मांग को लेकर सोमवार को राज्यपाल के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा है। वहीं अधिवक्ता नासिर खान ने पुलिस उपमहानिरीक्षक से इसे लेकर शिकायत की है और उन पर मुकदमा लिखवाने की बात भी कही है। डीआईजी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद पहले आरती लालचंदानी ने वीडियो से यह कह कर पल्ला झाड़ लिया था कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। लेकिन मीडिया में खबरें आने के बाद मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल ने अपना वीडियो जारी कर मुसलिम समुदाय का हितैषी बताने की कोशिश की और कहा कि वे पूरे मुस्लिम समुदाय से माफ़ी मांगती हैं।