बकरीद को लेकर देवबंद ने सरकार के समक्ष रखी ये मांगे
देवबंद। कोरोना महामारी के चलते जहाँ देशभर की मस्जिदों में अभी भी नमाज़ की अनुमति नहीं मिली है वहीँ अब बकरी ईद(Eid Ul Adha ) के पर्व को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
इस बीच दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता मुफ्ती अशरफ उस्मानी ने राज्य सरकार को लिखे एक पत्र में बकरी ईद पर कुर्बानी के लिए अभी तक सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन जारी न होने को लेकर सवाल उठाये हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने पत्र में सरकार के सम्मुख पांच मांगे भी रखीं हैं। पत्र में सरकार से मांग की गई है कि बकरी ईद पर मुसलमानो को कुर्बानी की रस्म पूरी करने की अनुमति दी जाए, साथ ही जानवरो की विक्री के लिए रोक हटाई जाए। बता दें कि कोरोना महामारी के बीच लगाए गए लॉकडाउन में पशु बाज़ारो पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है।
पत्र में कहा गया है कि जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बाजार, शॉपिंग मॉल खोल दिए गए हैं तो मुसलमानो को मस्जिद में नमाज़ अदा करने की अनुमति दी जाए। साथ ही बकरी ईद के पर्व को ध्यान में रखते हुए शनिवार, रविवार को लॉकडाउन रखने की जगह सोमवार और मंगलवार को लॉकडाउन रखा जाए।
अशरफ उस्मानी ने पत्र में सरकार को बताया है कि एक इबादत के बदले दूसरी इबादत नहीं की जा सकती। नमाज़ के बदले ज़कात या ज़कात के बदले नमाज़ या हज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने पत्र में कहा कि कोरोना महामारी में सरकार द्वारा लागू किये गए लॉकडाउन को मुस्लिम समुदाय ने अपना पूरा समर्थन दिया है और सरकार के बताये हर नियम का पालन किया गया है। पिछले कई महीनो से मस्जिदें बंद हैं, सिर्फ चार पांच लोगों को ही मस्जिद में नमाज़ अदा करने की अनुमति के चलते सभी मुसलमान मस्जिद में नमाज़ अदा नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान भी मुसलमानो ने अपने घरो पर नमाज़ अदा की लेकिन अब बकरी ईद पर कुर्बानी के लिए सरकार को पशुओं की विक्री और पशु बाजार लगाने की अनुमति दे देनी चाहिए।