निजामुद्दीन में घर घर जाकर हुई स्केनिंग, नहीं मिला कोई कोरोना पॉजिटिव
नई दिल्ली। निजामुद्दीन मर्कज़ में हज़ारो लोगों के जमावड़े के कारण इलाके को कोरोना संदिग्ध मानकर घर घर जाकर कोरोना जांच कराई गई लेकिन यहाँ एक भी कोरोना संक्रमित मामला सामने नहीं आया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक निजामुद्दीन में डॉक्टरों की 13 टीमों ने CRPF के साथ मिलकर तीन दिनों तक जांच का सिलसिला जारी रहा। कोरोना जांच में करीब 7000 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई लेकिन कोरोना का एक भी केस पॉजिटिव नही मिला है।
निजामुद्दीन मर्कज़ का मामला प्रकाश में आने के बाद दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया था कि निजामुद्दीन बस्ती में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा हो सकता है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका के मद्देनज़र पूरे इलाके घर घर जाकर में कोरोना टेस्ट कराये गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक ‘घर घर जाकर हुए कोरोना टेस्ट की मुहिम का हिस्सा रहे एक डॉक्टर ने कहा कि छह व्यक्तियों ने सर्दी-खांसी के फ्लू जैसे लक्षण दिखाए थे और इनसे घर से बाहर निकलने के लिए कड़ाई से पूछा गया था। डॉक्टर ने बताया कि “यदि आने वाले दिनों में इन लोगों में सूखी खाँसी और बुखार सहित किसी भी covid -19 जैसे लक्षण विकसित होते हैं, तो हम इस पर नज़र रखेंगे और यदि आवश्यक हुआ, तो हम उन्हें अस्पताल में स्थानांतरित कर देंगे।’
खबर के मुताबिक निजामुद्दीन बस्ती में कोरोना जांच के लिए तीन दिनों तक चले इस अभियान में डॉक्टरों, नर्सों, एनजीओ और सुरक्षा कर्मियों की 13 टीमों ने 1,900 से अधिक में 7000 से अधिक लोगों की जांच की।
इस मुहिम के दौरान सुरक्षा कारणों से सीआरपीएफ के दर्जनों जवान और सिविल डिफेन्स के लोग तैनात किये गए थे। घर घर हुई कोरोना जांच के दौरान पहले दो दिन निजामुद्दीन के लोगों को लगा कि एनपीआर या जनगणना करने वाले लोग घर घर जा रहे हैं, इसलिए जांच करने वाली टीम को कई जगह विरोध का भी सामना करना पड़ा था।