धर्म गुरुओं ने मुसलमानो से की लॉकडाउन में सहयोग करने की अपील, दारुल उलूम ने दिया फतवा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के इंदौर में डॉक्टरों और उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में पुलिस पर पथराव की घटना के बाद मुस्लिम धर्म गुरुओं ने मुसलमानो से डॉक्टरों और प्रशासन के सहयोग करने की अपील की है।
जमीयत उलेमा -ए-हिन्द के नेता महमूद मदनी ने कहा कि ‘अस्पताल के लोगों को या पुलिस को तबलीगी प्रशासन या जिम्मेदारों से इस मामले में बात करनी चाहिए। किसी ने कोई बतमीजी की है या दुर्व्यवहार कर रहा है तो उनके जिम्मेदारों को बुलाकर फौरन उनसे बात करवानी चाहिए। हम हर हाल में डॉक्टरों के साथ हैं।’
वहीँ मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि ‘दारुल उलूम फिरंगी महल लखनऊ से आज एक फ़तवा जारी किया है जिसमें कोरोना का टेस्ट और इलाज करवाना जरूरी और इस बीमारी को छुपाना अपराध बताया गया है। अपनी जान या किसी दूसरे की जान को खतरे में डालना इस्लाम में हराम बताया गया है।’
दारुल उलूम ने जारी किया फतवा:
दारुल उलूम देवबंद ने मुसलमानो के घर पर नमाज़ पढ़ने को लेकर फतवा जारी किया है। इसमें घर में नमाज पढ़ने और सोशल डिस्टेंसिंग करने को सही बताया गया है।
फतवा लेने वाले व्यक्ति ने दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने पूछा कि फिलहाल देश के जो हालात हैं और कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप फैला हुआ है। क्या ऐसी परिस्थितियों में मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ना ठीक है या नहीं।
इस पर दारूल उलूम की इफ्ता कमेटी ने फतवे का जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल जो देश के हालात हैं उस परिस्थितियों में मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ना ठीक नहीं है।
फतवे में बताया गया है कि घर के अंदर या बैठक में नमाज पढ़ सकते हैं और ज्यादा भीड़ भी न लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें। क्योंकि जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म नहीं होता तब तक सभी को इसका और सरकार के तमाम निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन करना चाहिए।
गौरतलब है कि कल मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना संक्रमित लोगों की घर घर जाकर पहचान करने के उद्देश्य से निकली डॉक्टरों की टीम पर एक मुस्लिम बाहुल्य इलाके में पथराव किया गया था। वहीँ इंदौर के बाद उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में भी पुलिस पर पथराव की घटना हुई थी।