चुनाव आयोग की चेतावनी का नहीं दिखा असर, अमित शाह के रोड शो और रैली में उड़ीं धज्जियां
कोलकाता। कोरोना गाइडलाइंस के पालन के लिए शुक्रवार को चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को लिखे गए पत्र का आज रविवार को भी असर नहीं दिखाई दिया। रविवार को गृहमंत्री अमित शाह के रोड शो और जनसभा में कोरोना गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ीं। रोड शो और रैली में खुद गृह मंत्री अमित शाह भी बिना मास्क दिखाई दिए।
रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के राणाघाट दक्षिण और शांतिपुर में रोड शो किया। इसके अलावा उन्होंने बशीरहाट दक्षिण में एक चुनावी जनसभा को भी संबोधित किया।
अमित शाह के दोनों रोड शो में उमड़ी भीड़ में कुछ एक लोग ही मास्क पहने दिखाई दिए जबकि बड़ी तादाद ऐसे लोगों की थी जिन्होंने मास्क नहीं पहना था। इतना ही नहीं रोड शो के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं।
वहीँ कोरोना गाइडलाइंस को ताक पर रखकर बशीरहाट दक्षिण में गृहमंत्री अमित की चुनावी सभा संपन्न हुई। इस रैली में जुटी भीड़ के जो विजुअल सामने आये हैं, उनमे साफतौर पर देखा जा सकता है कि रैली के दौरान न मास्क की अनिवार्यता का ध्यान रखा गया है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ है।
गौरतलब है कि गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को चुनाव प्रचार करने के दौरान मास्क के उपयोग पर आयोग और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद चुनाव आयोग ने शुक्रवार को देश के सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर चुनावी कार्यक्रमों में कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की थी।
सभी राजनीतिक दलों को भेजे गए अपने पत्र में चुनाव आयोग ने कहा था कि अगर उसके पिछले साल जारी कोविड दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो उसे रैलियों पर रोक लगाने में संकोच नहीं होगा। देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों को रैली के दौरान कोरोना गाइडलाइन का खास ध्यान रखना होगा।
चुनाव आयोग के पत्र में कहा गया कि व्यापक रूप से विदित है कि पिछले कुछ सप्ताहों में कोविड-19 के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। हालांकि आयोग के संज्ञान में चुनावी सभाओं/प्रचार के ऐसे मामले आए हैं जहां सामाजिक दूरी, मास्क पहनने जैसे नियमों का उल्लंघन किया गया और आयोग के दिशा-निर्देशों की अवज्ञा की गई।
आयोग के पत्र में स्टार प्रचारकों और राजनीतिक दलों के नेताओं या उम्मीदवारों के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन न करने के मामलों की ओर इशारा किया गया है, जिनमें मंचों पर या प्रचार करते हुए खुद नेताओं द्वारा मास्क नहीं पहनना शामिल है। पत्र के अनुसार ऐसा करके राजनीतिक दल और उम्मीदवार खुद को और इन चुनावी सभाओं में शामिल हो रहे लोगों को भी संक्रमण के गंभीर खतरे में डाल रहे हैं।