अर्नब गोस्वामी द्वारा पुलिस पर लगाए गए मारपीट के आरोप झूठे निकले
मुंबई। 2018 के अन्वय नाइक और उनकी मां के सुसाइड मामले में बुधवार को गिरफ्तार किये रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की ज़मानत अर्ज़ी पर बॉम्बे हाईकोर्ट अब से कुछ देर में सुनवाई कर सकता है।
कल देर रात तक चली कोर्ट की कार्यवाही के दौरान कोर्ट ने अर्नब को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था लेकिन देर होने के कारण अर्नब गोस्वामी को जेल नहीं भेजा गया था, पुलिस ने उसे अलीबाग थाने में रखा था। अर्नब के वकील की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई ज़मानत याचिका पर आज सुनवाई होने की संभावना है।
इससे पहले कोर्ट में पेशी के दौरान अर्नब ने मुंबई पुलिस पर मारपीट करने के आरोप लगाए थे लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में उसके आरोप झूठे साबित हुए हैं। अर्नब के आरोपों पर मजिस्ट्रेट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह उसे एक सिविल सर्जन के पास ले जाए और दूसरी मेडिकल जांच के बाद उसे फिर से पेश करे।
इस पर मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी की पुनः मेडिकल जांच कराई और शाम को अर्नब को फिर से कोर्ट में पेश किया गया। अर्नब की मेडिकल जांच रिपोर्ट आने के बाद अदालत ने कहा कि यह आरोप गलत हैं और अर्नब के हाथों पर मामूली खरोंचें हैं।
इससे पहले कोर्ट में पेशी के दौरान अर्नब ने अपने मोबाईल का इस्तेमाल का कार्यवाही का वीडियो बनाने की कोशिश की। इस पर कोर्ट ने अर्नब को कड़ी फटकार लगाई।
मुंबई पुलिस ने अर्नब के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर मुंबई पुलिस की महिला अधिकारी से बदसलूकी के लिए दर्ज की गई है।
अर्नब पर आरोप है कि बुधवार की सुबह जब उनके निवास पर पुलिस पहुंची तो अर्नब ने कथित तौर पर महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की। गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353,504 और 34 के तहत एनएम जोशी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।