जामिया छात्र की गिरफ्तारी की जांच रिपोर्ट पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

जामिया छात्र की गिरफ्तारी की जांच रिपोर्ट पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

नई दिल्ली। नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इक़बाल तन्हा की गिरफ्तारी के बाद उसे न्यायायिक हिरासत में भेजे जाने के आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए जांच पर सवाल खड़े किये हैं।

कोर्ट में जामिया के छात्र आसिफ इक़बाल तन्हा को पेश किये जाने के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच केवल एक तरफ टार्गेटेड लग रही है। गौरतलब है कि 24 वर्षीय जामिया के छात्र नेता आसिफ तन्हा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 20 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 13 के तहत फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने अपने आदेश में लिखा, ”इंस्पेक्टर लोकेश ने यह सूचित किया है कि दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी और आरोपी सक्रिय रूप से इसमें शामिल थे। इसे पुख्ता करने के लिए एक गवाह के बयान पर मेरा ध्यान आकर्षित किया गया है। रिकॉर्ड पर सामग्री उपलब्ध कराई गई है उसके आधार पर आरोपियों को 25 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जांच केवल एक छोर की तरफ लक्षित (टाग्रेटेड) लग रही है।”

वहीँ इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ‘इंस्पेक्टर लोकेश और अनिल से पूछताछ करने पर, वे यह बताने में विफल रहे हैं इस संबंध में प्रतिद्वंद्वी गुट की भागीदारी के बारे में अब तक क्या जांच की गई है। इसी के मद्देनजर संबंधित डीसीपी जांच की निगरानी करने और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना आवश्यक है।’

गौरतलब है कि नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी और शाहीन बाग़ में करीब 100 दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान ही दिल्ली के कुछ इलाको में सांप्रदायिक हिंसा हुई।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital