चिट्ठी विवाद पर कांग्रेस नेता ने कहा ‘बीजेपी से लड़ने के लिए मजबूत विपक्ष की ज़रूरत’
नई दिल्ली। कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी को लेकर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने आज अपनी ख़ामोशी तोड़ते हुए ट्वीट कर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि भाजपा से लड़ने के लिए भारत को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। उन्होंने चिट्ठी को लेकर कहा कि ईमानदारी से पार्टी के नवीनीकरण के सुझाव असंतुष्टि नहीं हैं। काश सभी साथियों ने इस चिट्ठी को पढ़ा होता।
आनंद शर्मा ने कहा कि यह ट्वीट कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा के उस ट्वीट के जबाव किया जिसमे विवेक तन्खा ने कहा था कि “दोस्तों हम असंतुष्ट नहीं हैं बल्कि पुनरुत्थान के प्रस्तावक हैं। पत्र नेतृत्व के लिए चुनौती नहीं था, बल्कि पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्रवाई की एक बानगी है। सार्वभौमिक सत्य सर्वश्रेष्ठ बचाव है, चाहे वह न्यायालय हो या सार्वजनिक मामले। इतिहास बहादुर को स्वीकार करता है, न कि डरपोक को।”
विवेक तन्खा के ट्वीट के जबाव में आनंद शर्मा ने लिखा कि “सही कहा है। पत्र हमारे दिलों में पार्टी के सर्वोत्तम हित के साथ लिखा गया था और उसमें देश में वर्तमान माहौल पर साझा चिंताओं को व्यक्त किया। ऐसे समय में जब संविधान के मूलभूत मूल्यों पर निरंतर हमला किया जा रहा है।”
गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में 23 कांग्रेस नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी का मामला पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उठाया था। वहीँ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि इस चिट्ठी का ड्राफ्ट राज्य सभा सांसद आनंद शर्मा ने तैयार किया है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस चिट्ठी की टाइमिंग को लेकर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि यह पत्र ऐसे समय लिखा गया जब हम मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी से लड़ रहे थे और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं।