उपचुनाव वाली सीटों पर बूथ मजबूत करने में जुटी कांग्रेस
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 26 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव को ध्यान में रखकर कांग्रेस ज़मीनी स्तर पर बड़ी रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी बूथवार मतदाता सूचियों का आंकलन कर रही है और पार्टी ने अपने बूथ कार्यकर्ताओं को यह ज़िम्मेदारी दी है।
पार्टी के शीर्ष नेताओं का कहना है कि भले ही उपचुनाव वाली सीटों पर कांग्रेस के टिकिट पर जीते हुए विधायक बीजेपी में चले गए हैं लेकिन पार्टी का बूथ कार्यकर्त्ता पार्टी छोड़कर नहीं गया है। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन सिंह ने अपने फेसबुक लाइव में कार्यकर्ताओं से कहा कि जिन बूथ कार्यकर्ताओं ने 2018 के चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई थी वही कार्यकर्त्ता एक बार फिर पार्टी को जिताएंगे।
वहीँ पार्टी सूत्रों की माने तो मतदाता सूचियों में किसी तरह की हेरफेर की कोशिशों को देखते हुए कांग्रेस के बूथ कार्यकर्त्ता उपचुनाव वाली विधानसभाओं में अभी से पसीना बहा रहे हैं और एक एक मतदाता का सत्यापन कर रहे हैं।
वहीँ दूसरी तरफ पार्टी एक निजी एजेंसी से उम्मीदवारों के लिए भी सर्वे करा रही है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकिट देगी। सर्वे में तीन उम्मीदवारों के नाम सुझाये जाएंगे और उनके जनाधार, उनकी छवि और चुनाव जीतने की क्षमता का उल्लेख होगा।
सूत्रों ने कहा कि फिलहाल पार्टी यह भी मानकर चल रही है कि चुनाव करीब आते आते बीजेपी में बड़े स्तर पर विद्रोह होगा। ये विद्रोह उस समय होगा जब बीजेपी उपचुनाव में अपने वफादारों के टिकिट काटकर सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को उम्मीदवार घोषित करेगी। इसलिए पार्टी बीजेपी के संभावित उन बागियों पर भी नज़र रखे हुए है। जो 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर आये थे।