संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करेगी कांग्रेस
नई दिल्ली। सोमवार को जहाँ केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करने जा रही है वहीँ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में इसका विरोध करने का एलान किया है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यह बिल भारत के संविधान, सेकुलर ढाँचे, परम्परा और संस्कृति के खिलाफ है।
वहीँ इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दस जनपथ पर पार्टी की संसदीय रणनीति समिति की बैठक हुई। इस बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक पर पार्टी की रणनीति तय की गई।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में तय हुआ कि पार्टी संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करेगी और इसके खिलाफ मत देगी। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के संसदीय रणनीति समिति की बैठक में तय हुआ कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जनता को इस बिल की हकीकत से रूबरू कराया जाएगा।
बैठक में पार्टी नेताओं ने नागरिकता संशोध्न बिल को असंवैधानिक करार देते हुए इस बिल को भारत की सेकुलर विचारधारा, संस्कृति और परम्परा के खिलाफ बताया।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी की संसदीय दल की बैठक में तय हुआ कि नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विपक्ष को एकजुट किया जायेगा। जिससे इस बिल का राज्यसभा में गिरना तय हो सके।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल (जनवरी में) इस बिल को लोकसभा में पास करा लिया था लेकिन विपक्षी दलों के विरोध और सरकार के पास बहुमत के अभाव के चलते यह बिल राज्यसभा में बिल अटक गया था।
कांग्रेस और एनसीपी के अलावा एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, नेशनल कांफ्रेंस, वामपंथी दलों, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, डीएमके, टीएमसी, जेडीएस और तेलगुदेशम सहित कई दल पहले से इस बिल के खिलाफ हैं।
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विपक्ष का कहना है कि यह बिल धार्मिक आधार पर भेदभाव को दर्शाता है। इसमें साफ़तौर पर गैर मुस्लिमो को नागरिकता देने का साफ़ साफ़ ज़िक्र है। नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन भी हुए हैं।