कृषि विधेयकों की हकीकत किसानो को बताने गांव-गांव जायेगी कांग्रेस
नई दिल्ली। कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर लड़ाई लड़ने का एलान किया है। कृषि विधेयकों की हकीकत किसानो को बताने के कांग्रेस गांव-गांव जायेगी और किसानो को सरकार की मंशा से अवगत कराएगी।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि “अगले 4 दिनों मे राज्यपाल महोदयों को हमारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, सभी मुख्यमंत्री, प्रमुख कांग्रेस नेताओं के साथ कांग्रेस कार्यालयों या गांधी जी की मूर्ति से राजभवनों तक एक प्रोटेस्ट मार्च करेंगे और मांग रखेंगे कि ये 3 काले कानून वापस लिए जाएं।”
सुरजेवाला ने बताया कि “2 अक्टूबर को पूरे हिन्दुस्तान की हर विधानसभा में, हर जिले में, कांग्रेस पार्टी के जिला प्रधान, ब्लॉक प्रधान, मंत्रीगठ, सांसद, विधायक, हमारे उम्मीदवार और कांग्रेस कार्यकर्ता धरणा प्रदर्शन करेंगे और इन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ ज्ञापन देंगे।”
उन्होंने कहा कि “10 अक्टूबर को हर राज्य में बड़े किसान सम्मेलन बुलाए जाएंगे और 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच कांग्रेस के साथी हर गांव जाएंगे और इन काले कानूनों के खिलाफ 2 करोड़ हस्ताक्षर किसानों और गरीबों के लेकर आएंगे,जो 14 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष और राष्ट्रपति जी को सौंपेंगे।”
इससे पहले कल राज्य सभा में विपक्ष की कृषि विधेयकों पर चर्चा और मत विभाजन की मांग को नकारते हुए ध्वनि मत से पास किये जाने के बाद कांग्रेस ने केंद्र हमला बोला था।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लोकसभा की एक आवाज राज्यसभा के चैम्बर में माननीय अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के पास नहीं जाती, वहाँ की एक आवाज हमारे पास नहीं आती, तो आपने बिना कोरम के और बिना आगे हाउस को सुने हुए, देखे हुए, अनदेखा करते हुए पारित कैसे कर दिया ,
उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि इस बिल में लगभग आप जानते हैं, हमारी लिस्ट-2 में मैंने कोई बिल नहीं देखा कि लिस्ट-2 के इतने अनुच्छेदों से वो संबंध रखता हो। लिस्ट-2 में आप जानते हैं कि सिर्फ प्रदेश के स्तर पर कानून पास हो सकता है।
सिंघवी ने कहा कि आज गणतंत्र के लिए काला दिवस है और आज जो भी वहाँ पर मौजूद था, वो जानता है कि कोई ऐसा बिल पारित नहीं हुआ है और सरकार दावा कर रही है कि पारित हुआ है, ये गणतंत्र की मौत है, गणतंत्र का मर्डर है।
वहीँ कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि किसान विरोधी बिल जबरदस्ती पास किया गया और आज जिस तरह से राज्यसभा में पास किया गया, उससे तो साफ है कि यह सीधे लोकतंत्र की हत्या है।