कांग्रेस की मतदाता सूचियों पर पैनी नज़र, शिवराज मंत्रिमंडल को लेकर कलह बढ़ी

कांग्रेस की मतदाता सूचियों पर पैनी नज़र, शिवराज मंत्रिमंडल को लेकर कलह बढ़ी

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। मतदाता सूचियों में संशोधन, नए मतदाताओं के पंजीकरण तथा सत्यापन का काम शुरू हो चुका है।

वहीँ मतदाता सूचियों में संशोधन को लेकर कांग्रेस पैनी नज़र रख रही है। कांग्रेस को अंदेशा है कि बीजेपी उपचुनाव वाले क्षेत्रो में मतदाता सूचियों में गड़बड़ करा सकती है लेकिन पार्टी पहले से ही इस पर पैनी नज़र रख रही है।

पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस के अंदर भी विधानसभा स्तर पर मतदाता सूचियों के आँकलन का काम शुरू हो गया है और मतदाताओं के सत्यापन को लेकर पार्टी ने बूथ स्तर पर अपना काम शुरू कर दिया है, जिससे मतदाता सूचियों में किसी तरह की संभावित हेरफेर का पता चल सके।

वहीँ दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार के तमाम प्रयास फेल हो रहे हैं और वे मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। जिसके चलते मंत्री पद मिलने की उम्मीद लगाए बैठे कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों की उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं।

बीजेपी सूत्रों की माने तो सवाल सिर्फ कांग्रेस से बीजेपी में आये पूर्व विधायकों का ही नहीं है बल्कि पूर्व की शिवराज सरकार में मंत्री रहे बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं का भी है। शिवराज मंत्रीमंडल में अभी तक बीजेपी के तीन नेताओं नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह को ही स्थान मिला है, शेष रहे बीजेपी के कद्दावर नेता आज भी मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रहे हैं।

शिवराज सिंह के समक्ष सबसे बड़ी दिक्क्त उन 22 पूर्व विधायकों को लेकर हैं जिन्होंने सिंधिया के कहने पर कांग्रेस छोड़ी थी, इनमे से छह कमलनाथ मंत्रिमंडल में मंत्री थे। ऐसे में सिंधिया समर्थक कम से कम 6 पूर्व विधायकों को हर हाल में मंत्री बनाये जाने की शर्त भी खड़ी है। जिसके चलते शिवराज सिंह मंत्रिमंडल में बीजेपी के सभी पूर्व मंत्रियों को जगह मिलना सम्भव नहीं है।

बीजेपी के अंदर यह सवाल लगातार घूम रहा है कि यदि सिंधिया समर्थक 06 नेताओं को मंत्री पद दिया जाता है तो कौन कौन से बीजेपी के पूर्व मंत्रियों को अपने घर बैठना पड़ेगा। सूत्रों की माने तो सवालो और कयासों के बीच बीजेपी में कलह दिन प्रतिदिन तेज हो रही है और अंदरखाने सिंधिया समर्थको का विरोध भी चल रहा है।

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