कांग्रेस का युवा मतदाताओं पर दांव, घोषणा पत्र में बेरोजगारों को 7500 रुपये भत्ता देने का वादा

कांग्रेस का युवा मतदाताओं पर दांव, घोषणा पत्र में बेरोजगारों को 7500 रुपये भत्ता देने का वादा

नई दिल्ली। दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। घोषणा पत्र में पार्टी ने मुख्यतः बेरोज़गार युवाओं, गरीबो और मध्यमवर्ग को साधने की कोशिश की है।

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि अगर वह सत्ता में आई शिक्षित बेरोजगारों को 7500 रुपये तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। सभी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा। होमी भाभा रिसर्च फंड बनाया जाएगा जिसमें पांच साल में 1000 करोड़ रु. आवंटित होंगे।

घोषणा पत्र में पार्टी ने दिल्ली में सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 100 इंदिरा कैंटीन खोलने और दिल्ली को झुग्गी मुक्त बनाने जैसे वादे किए। इसके अलावा पार्टी ने दिल्ली में लाड़ली योजना को फिर से पूरी तरह लागू करने और सरकारी स्कूलों-कॉलेजों में छात्राओं की शिक्षा नर्सरी से पीएचडी तक मुफ्त करने की घोषणा की है।

घोषणा पत्र में कहा गया है कि वर्ष में एक बार सभी महिलाओं की मुफ्त स्वास्थ्य जांच सुविधा होगी। आवाज उठाओ कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जिसमें महिलाओं से संबंधित समस्याओं का निपटारा तुरंत किया जाएगा। जेंडर रिसोर्स सेंटर और 181 हेल्पलाइन फिर से शुरू होगी। दिल्ली में 100 सेंटर खोले जाएंगे। इनमें केवल महिला कर्मचारियों को भर्ती किया जाएगा।

इतना ही नहीं कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के ज़रिये दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले मतदाताओं को एक बार फिर पार्टी से जोड़ने के लिए भी बड़ा वादा किया है। पार्टी ने घोषणा पत्र में एलान किया है कि झुग्गियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले सभी छात्रों को शिक्षा के लिए सब्सिडी दी जाएगी। आर्थिक तौर पर पिछड़े परिवारों के छात्रों के लिए कम शुल्क पर कोचिंग की सुविधा दी जाएगी।

पार्टी ने आम आदमी पार्टी के मुफ्त पानी के बदले घोषणा पत्र में कॅश फॉर वाटर का एलान करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली और पानी के लिए कैश बैक दिया जाएगा। घोषणा पत्र में कांग्रेस ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने और बजट की 25 फीसदी राशि प्रदूषण पर अंकुश लगाने और परिवहन सुविधाएं सुधारने के लिए खर्च करने का भी एलान किया है।

कांग्रेस ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और मौजूदा स्वरूप में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं किया जाएगा। पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को वापस लेने की केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital