चीन मुद्दे पर कांग्रेस ने तस्वीरें दिखाकर सरकार को घेरा, पूछे 5 सवाल

चीन मुद्दे पर कांग्रेस ने तस्वीरें दिखाकर सरकार को घेरा, पूछे 5 सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस ने एक बार फिर चीन द्वारा सीमा पर अतिक्रमण किये जाने का मामला उठाते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित प्रेस वार्ता में कुछ तस्वीरें दिखाते हुए सवाल किया कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं।

कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से मेरा पहला सवाल यह है कि, “चीनी सेना ने हमारी जमीन पर फिंगर 4 रिज तक पेंगोंग त्सो झील के क्षेत्र में कब्जा कर रखा है या नहीं ?”

सिब्बल ने कुछ तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि ये जो ढांचे वहां दिख रहे है, क्या इनका निर्माण नहीं किया गया? क्या वहाँ हेलीपैड या हेलीपैड टावर नही है? बाकी जो निर्माण वहाँ हो रहा है उसके बारे में भी देश की जनता को बताइए। क्या यह चीन का हमारी जमीन पर घोर हमला नही है, कब्जा नही है?

कपिल सिब्बल ने कहा कि सरहद पर जो स्थति है वह गंभीर है। उन्होंने कहा कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं। उन्होंने कहा कि गार्जियन अख़बार ने दो तस्वीरें छापी हैं। ये लाइन और एक्चुअल कंट्रोल की है। इनमे एक तस्वीर 22 मई की है जिसमे कोई हेलीपेड नहीं है, कोई बंकर नहीं है। वहीँ दूसरी तस्वीर 23 जून की है। इसमें बंकर दिख रहे हैं, हेलीपैड दिख रहा है, कैंप दिख रहे हैं।

सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी, जो सच है वह इस देश के सामने रखिये। सच को छिपाने से काम नहीं चलेगा, इससे देश का नुकसान होगा। इसलिए आवश्यकता है कि के सामने सच रखें।

उन्होंने पीएम मोदी से सवाल किया कि ‘क्या चीन ने हमारे क्षेत्र Y-Junction (जो LAC के 18 किलोमीटर अंदर है) डेप्सांग मैदान में कब्जा नहीं कर रखा? और इस कब्जे के द्वारा जो दौलत बेग ओल्डी सड़क पर जो एयर स्ट्रिप्स है क्या उस पर खतरा नहीं है?’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि ‘क्या इंदिरा जी 4 जुलाई 1971 को हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए गलवान घाटी नहीं गईं? क्या नेहरू जी सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए 1962 में नेफा में अग्रिम मोर्चे पर नहीं गए थे? लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि हमारे प्रधानमंत्री ‘नीमू, लेह’ में 230 किलोमीटर दूर ही रहे?’

कपिल सिब्बल ने पूछा कि ‘क्या यह सही नहीं कि लद्दाख में हमारे स्थानीय काउंसलर्स, जिनमें भाजपा के काउंसलर भी शामिल हैं, उन्होंने चीन द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा करने के बारे में फरवरी, 2020 में प्रधानमंत्री मोदी को मैमोरेंडम भेजा?’

सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उस पर क्या कार्रवाई की? अगर प्रधानमंत्री ने समय रहते कदम उठाया होता, तो क्या हम चीनियों के अतिक्रमण को पहले ही नहीं रोक देते?

उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि भारत चीन की ‘आंखों में आंखें’ डालकर स्पष्ट रूप से बता दे कि चीनियों को भारतीय सरजमीं पर अपने अवैध व दुस्साहसपूर्ण कब्जे को छोड़ना होगा। प्रधानमंत्री जी, यही एकमात्र ‘राज धर्म’ है, जिसका पालन आपको हर कीमत पर करना चाहिए।

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TeamDigital