कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक: चीन से सीमा विवाद के लिए मोदी सरकार का कुप्रबंधन ज़िम्मेदार
नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव के सी वेनुगोपाल, उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़के, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह, पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी,गुलामनबी आज़ाद,पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चीन से सीमा विवाद और पिछले 17 दिन से लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों पर चिंता ज़ाहिर की गई।
कार्यसमिति की बैठक की शुरुआत लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिको के साथ हिंसक झड़पों में शहीद हुए 20 सैनिको की शहादत को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर मौजूदा संकट भाजपा नीत सरकार के कुप्रबंधन और उसकी गलत नीतियों के कारण उत्पन्न हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है कि बड़ा प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए, गरीबों के हाथ मे सीधे पैसे दिए जाएं और एमएसएमई की रक्षा की जाए।
बैठक में 17 दिन से पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बेरहमी से वृद्धि करने को लेकर सरकार की निंदा की गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने आरोप लगाया कि इनमें से हर संकट की मुख्य वजह भाजपा नीत राजग सरकार का कुप्रबंधन और उसकी नीतियां हैं। सोनिया ने यह भी दावा किया कि सरकार पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ाकर लोगों के घाव पर नमक छिड़क रही है।
कोरोना संकट पर सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद कोरोना महामारी का कहर जारी है। केंद्र ने राज्य सरकारों को मदद का आश्वासन दिया, लेकिन एक भी रूपया नहीं दिया। महामारी के कुप्रबंधन को मोदी सरकार की सबसे विनाशकारी विफलताओं में से एक के रूप में दर्ज किया जाएगा।
सोनिया गांधी ने कहा कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अब हमारे सामने बड़े संकट की स्थिति है। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अप्रैल-मई, 2020 से लेकर अब तक चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र और गालवान घाटी, लद्दाख में हमारी सीमा में घुसपैठ की है। अपने चरित्र के अनुरूप सरकार सच्चाई से मुंह मोड़ रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की ढिलाई की आलोचना करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी से उस साहस और प्रयास से नहीं निपटा गया, जिससे इस संकट से निपटा जाना चाहिए था। चीन विवाद अगर दृढ़ता से नहीं निपटता है, तो गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है. मैं सोनिया जी की टिप्पणी का भी समर्थन करता हूं।