कोरोना संक्रमण के बीच अमित शाह की रैली पर विपक्ष ने जताया विरोध
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी के बीच आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिहार चुनाव के मद्देनज़र आयोजित की गयी वर्चुअल रैली पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा करते हुए सवाल उठाये हैं।
बीजेपी द्वारा आयोजित की गई वर्चुअल रैली के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने पूरे बिहार में थाली- लोटा बजाकर विरोध जताया। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में पटना स्थित अपने आवास 10 सर्कुलर रोड पर राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव के सहित राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने थाली बजाकर अमित शाह की रैली पर विरोध जताया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा ‘वर्चुअल’ रैली के ढोंग से ‘एक्चुअल’ सच्चाई को छिपाना चाहती है। किसान और मजदूर भूखे मर रहे हैं। गरीबों की थाली खाली है। सरकार को इसकी चिंता नहीं है। सत्ता पाने के लिए चुनावी राजनीति में जुटी हुई है।
वहीँ कांग्रेस ने इस रैली को लेकर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि सत्ताधारी दल कोरोना वायरस के संकट के समय में भी राजनीति कर रहा है।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश में लॉकडाउन लागू किया था। मगर इसके बावजूद भी भाजपा राजनीति के अलावा और कुछ नहीं देख रही है। बिहार के चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है और भाजपा की राजनीति शुरू हो गई।’
उन्होंने कहा, ‘बिहार में लोगों को इलाज और प्रवासी श्रमिकों को घर भेजे जाने की जरूरत है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की आवश्यकता है, लेकिन बीजेपी वाले वर्चुअल रैली कर रहे हैं।’ कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि पार्टी सभी जिलों के दफ्तरों में मोबाइल फोन दे रही है, ताकि लोग वर्चुअल रैली को देख सकें।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में कोई भी पीएम मोदी और अमित शाह का चेहरा नहीं देखना चाहता। आज आरजेडी राज्य में ‘गरीब अधिकार दिवस’ और कांग्रेस ‘श्रद्धांजलि दिवस’ मना रही है। वहीं, आपको बता दें कि बिहार में इस साल अक्टूबर और नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।