पीएम के संदेश पर कांग्रेस ने उठाये ये सवाल, पूछा ‘अभी किस बात का इंतज़ार कर रही सरकार’
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज देशवासियों के लिए साझा किये गए वीडियो संदेश में पांच अप्रेल को रात 9 बजे घरो की लाइट बंद कर बालकनी या घर के दरवाज़े पर दीपक, मोमबत्ती जलाकर रौशनी किये जाने की बात कहे जाने पर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किये हैं।
पार्टी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके न सिर्फ सरकार को अपने क्रिएटिव्स के ज़रिये सवालो से घेरने की कोशिश की है बल्कि यह भी पूछा है कि ‘सरकार अभी किस बात का इंतज़ार कर रही है।’
कांग्रेस ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि ‘जंग में पहले मोर्चे पर तैनात सैनिक ही घायल हो जाएंगे, तो जंग कैसे जीती जाएगी? कोरोना की जंग में हमारे स्वास्थ्य योद्धाओं के साथ यही हो रहा है। सुरक्षा उपकरणों का अभाव उनकी लड़ाई को कमजोर कर रहा है। इसके साथ ही क्रिएटिव में सवाल किया गया है कि डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षा उपकरणों के अभाव में लगातार बीमार हो रहे हैं। सरकार उन्हें जरूरी पीपीई कब उपलब्ध कराएगी।’
पार्टी ने दूसरे ट्वीट में सरकार को घेरते हुए कहा कि ‘आखिर बिना टेस्ट की संख्या बढ़ाए सरकार किस चमत्कार के भरोसे कोरोना से लड़ाई को जीतने की उम्मीद लगाए बैठी है? बिना दर्द का पता किए दवा हो ही नहीं सकती। विशेषज्ञों की सलाह को नजरअंदाज कर सरकार देशवासियों के जीवन से खेल रही है।’
वहीँ कांग्रेस ने तीसरे सवाल में सरकार से पूछा कि ‘महंगाई पर नियंत्रण न करके क्या सरकार आम जनता को भूखे मारना चाहती है? आम जनता पर लॉकडाउन के प्रभाव के प्रति सरकार को सजग रहना चाहिए था। ताकि, महंगाई जैसे एक और संकट से बचा जा सके।’
एक अन्य सवाल में कांग्रेस ने पूछा कि ‘कोरोना से जंग में सरकार के भीतर योजना का अभाव क्यों है? वेंटिलेटर, ICU बेड के बिना कोरोना जैसी महामारी की भयावहता से नहीं निपटा जा सकता।’
अगले ट्वीट में कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों का मामला उठाते हुए सरकार को घेरा और सवाल किया कि ‘प्रवासी मजदूरों की पीड़ा बढाने का जिम्मेदार कौन है? आज लाखों प्रवासी मजदूरों की स्थिति तूफान में बीच समुद्र फंसी कश्ती की भांति हो रही है। सरकार इनके बेहतर जीवन से लेकर पुनर्वास के प्रावधान करे।’