सीवीसी की नियुक्ति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- अपना ‘रबर स्टैम्प’ चाहती है मोदी सरकार

सीवीसी की नियुक्ति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- अपना ‘रबर स्टैम्प’ चाहती है मोदी सरकार

नई दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी को मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और बिमल जुल्का को केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाये हैं।

बुधवार को पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सीवीसी के पद पर अपना ‘रबर स्टैम्प’ चाहती है। उन्होंने कहा कि देश में सीवीसी एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान है।

उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रमुख निगेहबान है इसलिये यह जरूरी है कि इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति ऐसे व्यक्ति की हो जिसकी ईमानदारी सवालों से परे हो। नियुक्ति की प्रकिया भी पारदर्शी होनी चाहिए।

तिवारी ने दावा किया, ‘‘सर्च कमिटी में सरकार के एक प्रमुख अधिकारी सदस्य थे और वह सीवीसी पद के लिए आवेदक भी थे। बाद में उन्होंने खुद को इस समिति से अलग किया। कोई आवेदक ही कैसे सर्च कमेटी में हो सकता है?”

उन्होंने यह दावा भी किया कि संजय कोठारी आवेदक नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने तुगलकी फरमान जारी किया और सीवीसी के तौर पर उनकी नियुक्ति कर दी गयी। तिवारी ने कहा कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है। इस तरह से तो चपरासी की नियुक्ति भी नहीं हो सकती।

मनीष तिवारी ने दावा किया, ‘‘सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है इसलिए वो चाहते हैं कि सीवीसी के पद पर उनका रबर स्टैम्प होना चहिए।” यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस नियुक्ति को अदालत में चुनौती देगी तो तिवारी ने कहा, ‘‘मामला इतना संगीन है कि इस पर चुनौती बनती है और सारे विकल्प खुले हुए हैं।”

गौरतलब है कि राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी अगले मुख्य सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया है । उनका चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने किया है। इसके साथ ही समिति ने बहुमत के फैसले से सूचना आयुक्त बिमल जुल्का को नया मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि दोनों को ‘खुल जा सिम सिम’ की तर्ज पर नियुक्त किया गया है। शीर्ष न्यायिक संस्थाओं में इस तरह का फैसला लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, सीवीसी और सीआईसी की नियुक्ति ‘खुल जा सिम सिम’ की तर्ज पर हुई। जेब से नाम निकालो, नियुक्ति कर दो। उन्होंने कहा, “मोदी के न्यू इंडिया में, पारदर्शिता के लिए कोई जगह नहीं है और यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।”

चयन समिति की एक बैठक के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी आपत्ति जताई थी। चौधरी ने कहा था कि एक चयन समिति का सदस्य एक ही समय में आवेदक नहीं हो सकता है।

उन्होंने यह कहा था कि केंद्रीय वित्त सचिव राजीव कुमार चयन समिति के सदस्य हैं और आवेदक भी थे और उनके नाम को समिति द्वारा शॉर्टलिस्ट किया गया था। चौधरी ने मोदी से सवाल किया कि कोई व्यक्ति अपने ही चयन के लिए चयन कमेटी का सदस्य कैसे हो सकता है?

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