राफेल के बहाने कांग्रेस ने फिर उठाये मोदी सरकार की नीयत पर सवाल
नई दिल्ली। फ़्रांस से आज पांच राफेल लड़ाकू विमानों की खेप अंबाला पहुंची। ये विमान भारतीय वायु सेना के अंबाला केंद्र पर तैनात रहेंगे। हालाँकि आधिकारिक तौर पर अभी राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल नहीं किया गया है। इन्हे आधिकारिक तौर पर वायुसेना में शामिल करने के लिए अगस्त में कार्यक्रम का आयोजन किये जाने की संभावना है।
इस बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमानों के भारत पहुँचने पर भारतीय वायु सेना को बधाई दी लेकिन राफेल विमानों की कीमतों को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “रफ़ाल विमान के लिए IAF को बधाई। लेकिन क्या सरकार इन सवालों के जवाब देगी:
1) प्रत्येक विमान की क़ीमत रु 526 करोड़ की बजाए रु1670 करोड़ क्यों दी गयी?
2) 126 की बजाए सिर्फ़ 36 विमान ही क्यों ख़रीदे?
3) HAL की बजाए दिवालिया अनिल को रु30,000 करोड़ का कांट्रैक्ट क्यों दिया गया?
वहीँ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “राफेल का भारत में स्वागत! वायुसेना के जांबाज लड़ाकुओं को बधाई। आज हर देशभक्त ये जरूर पूछे- 1. 526 करोड़ का एक राफेल अब 1670 करोड़ में क्यों? 2. 126 राफेल की बजाय 36 ही क्यों? 3. मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ्रांस क्यों? 4. 5 साल की देरी क्यों?”
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट कर राफेल जेट्स को लेकर एयर फोर्स को बधाई दी गई। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा कि “राफेल सौदे के लिए 2012 में की गई कांग्रेस की मेहनत आखिरकार रंग लाई और यह समझौता साकार साबित हुआ। कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की डील में बड़ा अंतर है जिसमें बीजेपी के घोटाले सामने आए हैं।”
पार्टी की तरफ से किये गए ट्वीट में आगे कहा गया कि “कांग्रेस की डील में देश को 126 जेट्स मिलने थे जबकि बीजेपी ने 36 का सौदा किया है। देश में मेड इन इंडिया के तहत 108 राफेल जेट बनने थे। कांग्रेस के सौदे के मुताबिक, साल 2016 तक भारत को राफेल मिल जाने थे. हर जेट की कीमत 526 करोड़ रुपये निर्धारित थी।”
गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान की कीमतों को लेकर कांग्रेस शुरू से मोदी सरकार को घेर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार राफेल विमानों को महंगी दरों पर खरीद रही है।