कांग्रेस ने उठाया बीजेपी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संबंध का मुद्दा, दागे 5 नए सवाल

कांग्रेस ने उठाया बीजेपी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संबंध का मुद्दा, दागे 5 नए सवाल

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच एलएसी पर घुसपैठ को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की घेराबंदी जारी है। गुरूवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार से पांच सवाल पूछे हैं। इस बार कांग्रेस ने बीजेपी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच संबंधों का मुद्दा भी उठाया है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि “हमारे सहयोगी पवन खेड़ा जी ने सुबह तथ्यों के साथ आपको बताया कि चीन को लेकर बीजेपी कैसे नर्म रुख अपनाए हुए है। पवन खेड़ा जी ने ये भी बताया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और बीजेपी में क्या अंतरंग संबंध हैं, उसके साक्ष्य भी पेश किया. ये मामला सीधे-सीधे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और भू-भागीय अखंडता से जुड़ा है इसलिए हम एक बार फिर आपके पास आए हैं।”

सुरजेवाला ने लद्दाख की गलवान घाटी में 15 और 16 जून को चीन के सैनिको के साथ हिंसक झड़पों में भारत के 20 सैनिको के शहीद होने का मामला दोहराते कहा कि इस घटना के बाद 19 जून को सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ इसमें पीएम मोदी ने कहा, “न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई घुसा हुआ है और न ही हमारी पोस्ट किसी के कब्जे में है।”

सुरजेवाला ने याद दिलाया कि भारतीय सीमा में कोई घुसपैठ न होने बारे प्रधानमंत्री के बयान का अगले ही दिन 20 जून, 2020 को विदेश मंत्रालय ने एक लिखित बयान से खंडन कर दिया व अनेकों बार मई से जून के बीच चीन द्वारा दुस्साहस करते हुए हमारी सीमा में घुसपैठ की पुष्टि की।

उन्होंने कहा कि अब मोदी सरकार कह रही है कि चीन के साथ गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो लेक इलाके व हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना को पीछे हटा यथास्थिति बनाए रखने के लिए आधिकारिक स्तर की बातचीत जारी है। जबकि मीडिया में आ रही ख़बरो, सेटेलाइट पिक्चरो और सेना के जनरलों के बयानों व सुरक्षा विशेषज्ञों की राय से कुछ बातें पूरी तरह से स्पष्ट हैं।

चीन से गतिरोध के बीच सोनिया और राहुल के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में याचिका

पहला- पीछे हटने के बजाय चीनी सेना ने पीपी- 14, गलवान घाटी में दोबारा टेंट इत्यादि बना लिए और नए सिरे से कब्जा कर लिया है। ये वही जगह है जहां चीनी सेना को पीछे खदेड़ते हुए हमारे जवान शहीद हुए थे।

दूसरा- चीनी सेना ने पेंगांग श्यो लेक इलाके में फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच नया निर्माण और बंकर बना लिए हैं और अपनी घुसपैठ मजबूत कर ली है।

तीसरा- पूर्व आर्मी कमांडर जनरल डीएस सूडा के हवाले से छपी खबरों में यह भी कहा गया है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी के रिवर बेड तक नए सड़क निर्माण, नए सैन्य टेंट, वाहनों और बुलडोजरों का जमावड़ा कर रखा है।

चौथा- चीनी सेना ने इसके अलावा पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भी अपने तोपें और बख्तरबंद गाड़ियों के साथ लगभग 10 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं।

पांचवां- चीनी सेना ने दौलत बेग ओल्डी और देपसांग सेक्टर में अपने सैन्य कैंपों और वाहनों का जमावड़ा बना लिया है। यहां कभी भी चीनी सेना की मौजूदगी नहीं रही थी।

सुरजेवाला ने मोदी सरकार से पांच सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि सारी स्थति की समीक्षा के बाद ये पांच सवाल खड़े होते हैं, जिनका मोदी सरकार को इम्मंदारी और पारदर्शिता के साथ देश को जबाव देना चाहिए।

अपनी बात जारी रखते हुए सुरजेवाला ने आगे कहा कि ये पांचों बातें सरकार के बयान, पीएम मोदी के बातों के ठीक विपरीत हैं. इस वजह से राष्ट्र हित में हम पांच सवाल रख रहे हैं…

1- देश के हर अखबार, आर्मी जनरल के बयान, सैटेलाइट तस्वीरों के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के बयान को क्यों झुठला दिया गया है। क्या पीएम ने सर्वदलीय बैठक में चीनी घुसपैठ को लेकर सच नहीं बताया था ?

2- क्या चीन द्वारा पीपी-14 प्वाइंट के साथ नया टेंट और नया निर्माण और पेंगांग श्यो लेक इलाके में फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच नया निर्माण और नए बंकर बनाकर भारत की सरजमीं को कब्जा करने का साहस किया है। इस बारे में प्रधानमंत्री जी और रक्षा मंत्री जी क्या कहेंगे ?

3- क्या आर्मी जनरलों, रक्षा विशेषज्ञों, सेटेलाइट तस्वीरों और समाचार पत्रों की यह खबर सही है कि चीनी सेना ने गलवान वैली के रिवर बेड पर सैन्य जमावड़ा, वाहनों और बुलडोजरों को इकट्ठा कर दोबारा जबरन घुसपैठ का माहौल पैदा किया हुआ है ?

4- क्या चीन की सेना ने दौलत बेग ओल्डी, डेपसांग सेक्टर और पूर्वी लद्दाख में बख्तरबंद रेजीमेंट और तोपखानों का जमावड़ा लगा रखा है, क्या मोदी सरकार ने इस सैन्य जमावड़े का संज्ञान लिया है ?

5- जब भारतीय सेना बहादुरी से देश की सरजमीं की रक्षा के लिए चीनी सेना को खदेड़ने में लगी है तो प्रधानमंत्री अपने दावों से राष्ट्र की सेना का मनोबल क्यों गिरा रहे हैं। क्या मोदी सरकार चीनीयों को हमारी सरजमीं से खदेड़ने के लिए पूरा समर्थन देने के बजाय ऐसी विरोधाभासी बयानबाजी कर हमारी सेना का मनोबल कमजोर कर रही है। क्या यह राष्ट्रहित है, राष्ट्रधर्म है ?

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital